कर्फ्यू दौरान बटाला पुलिस उतरी बदसलूकी पर

Edited By Sunita sarangal,Updated: 03 May, 2020 01:45 PM

batala police misbehavior during curfew

जैसे-जैसे कर्फ्यू व लॉकडाउन बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे बटाला पुलिस के कुछ कर्मचारियों द्वारा सरेआम की जा रही बदसलूकी के....

बटाला(योगेश बेरी): जैसे-जैसे कर्फ्यू व लॉकडाउन बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे बटाला पुलिस के कुछ कर्मचारियों द्वारा सरेआम की जा रही बदसलूकी के चलते पत्रकारों को भी अपने चपेट में लिया जा रहा है जिससे मीडिया में बटाला पुलिस प्रति भारी गुस्सा पाया जा रहा है।

पत्रकारों से भी की जा रही है बदसलूकी :
यहां यह बता दें कि आज पत्रकारों के साथ पहले अमृतसर रोड बाईपास चौंक व बाद में अमृतसर-जालंधर बाईपास पर लगे एक नाके के दौरान बदसलूकी की गई और जब उनको कहा गया कि हम पत्रकार हैं तो कहते हैं कि कोई पत्रकार नहीं, परमिशन लेकर आओ। जिससे ऐसे लगता है निचले स्तर पर ड्यूटियां दे रहे इंस्पेक्टर लैवल तक के पुलिस कर्मचारी जिनको केन्द्र सरकार व पंजाब सरकार की हिदायतों के बारे कोई जानकारी नहीं, सिर्फ पुलिस की धौंस दिखाने की ही पड़ी है और वह अपने साथ-साथ बाकी पुलिस अफसरों की छवि भी खराब कर रहे हैं।

पुलिस अधिकारियों व निचले कर्मचारियों में तालमेल की भारी कमी :
जिस तरह इस समय कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को झिंजोड़ कर रख दिया है, वहीं मीडिया भी अपनी जान जोखिम में डाल कर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कामों को अपने विभिन्न माध्यमों से लोगों तक पहुंचा रहे हैं परन्तु उसके बावजूद पुलिस अधिकारी व निचले कर्मचारियों में भारी तालमेल की कमी लगातार देखने को मिल रही है क्योंकि विगत रोज भी कुछ पुलिस कर्मचारियों द्वारा डेरा रोड स्थित एक करियाने की दुकान करते दुकानदार जिसने परमिशन भी ली थी, को भी दबके मारे गए हैं, जिसके बाद करियाना एसोसिएशन उक्त दुकानदार के पक्ष में उतर आई व पुलिस अफसरों द्वारा उरक्त दुकानदार से माफी मांग कर अपनी जान छुडवाई गई। उधर दूसरी तरफ सीनियर अधिकारियों को नाकों पर मौजूद अपने अफसरों को साफ हिदायतें जारी करनी चाहिए कि वह अपनी डियूटी निभाते हुए दूसरों की डियूटी में विघन न डाल सकें। यदि यह तालमेल आने वाले समय भी देखने को न मिला तो लोगों के साथ-साथ मीडिया भी पुलिस के विरुद्ध सड़कों पर उतरने हेतु मजबूर होगा। उधर दूसरी तरफ समाचार पत्र बेच रहे नुमाईदों जिनमें हॉकर व स्टाल पर बैठे एजैंट शामिल हैं, साथ भी लगातार बदसलूकी की घटनाएं हो रही हैं जो कई बार पहले भी एस.एस.पी बटाला के ध्यान हित लाया गया है और आज भी जब सरकार द्वारा 7 बजे से 11 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है तो उस समय भी गांधी चौक में समाचार पत्र बेच रहे एजैंटों को लगभग 8 बजे ही उनको उनकी जगह से जबरदस्ती उठा दिया गया  जिससे समाचार पत्रों की बिक्री पर भारी असर पड़ा है।

क्या हैं केन्द्र व पंजाब सरकार के आर्डर?
केन्द्र सरकार के आदेशों अनुसार लॉकडाउन व कर्फ्यू की स्थिति में रैड जोन में काम करने हेतु भी प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया कर्मियों को इजाजत दी गई है जबकि इसके साथ-साथ बिजली, पानी, सैनेट्री, वेस्ट मैनेजमैंट, टैली कम्यूनिकेशन, मनरेगा के काम, फूड प्रोसैसिंग यूनिट, ईट भठ्ठे पर काम, बैंक, इंशोरैंस व कैपीटल मार्किट, इंटरनैट कोरियर, पोस्ट सर्विस, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस, प्राइवेट स्कियोरिटी व अन्य जो अपना व्यापार चलाते हैं, को अनुमति दी गई है जो कि अपने आप ही औरेंज व ग्रीन जोन में लागू होती हैं परन्तु पुलिस कर्मचारियों को कम जानकारी होने के चलते लोगों से बदसलूकी की घटनाएं दिन प्रति दिन बढ़ रही हैं। एक तो लोग पहले की लॉकडाउन व कर्फ्यू के चलते घरों में बंद हैं और उधर दूसरी तरफ भी यदि पुलिस कर्मचारी लोगों से ऐसा सलूक करेंगे तो लोगों पर इसका मनोविज्ञानिक असर पड़ेगा, जो कि इस संकट की घड़ी के दौरान किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा। इसलिए पुलिस अधिकारियों व डी.जी.पी. पंजाब को चाहिए कि वह अपने कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी प्रति सुचेत होकर काम करने के आदेश जारी करें। 

नहीं रुक रहा नशों का दरिया :
इस लॉकडाउन के दौरान जहां पुलिस सिर्फ लोगों को नाकों पर दबके मारने में ही व्यस्त है, उधर दूसरी तरफ नशों का दरिया शहर के कोने-कोने में बह रहा है, जिस पर पुलिस आंखें बंद करी बैठी है। आतंकवाद के समय जो रोल पुलिस ने निभाया था, उसने आतंकवाद को खत्म करके रख दिया था और यदि अब भी पुलिस चाहे तो नशे का कोहड़ भी समाज में से खत्म हो सकता है परन्तु अब यह देखना होगा कि आने वाले समय में पुलिस की कार्यशैली किस तरफ जाती है।

वाह-वाही बटोरने में लगे अफसर:
यह भी देखने को मिल रहा है कि बटाला पुलिस के कई अफसर व कर्मचारी झूठी वाह-वाही बटोरने में लगे हुए हैं जबकि जो काम समाज की बेहतरी हेतु उक्त कर्मचारियों को करने चाहिएं, वह पूरी तरह नहीं हो रहे। लोगों की डी.जी.पी. पंजाब से मांग है कि डी.जी.पी. बटाला पुलिस की मनमानियों को रोकने हेतु सख्त एक्शन लें और पुलिस कर्मचारियों को पूर्ण गाइडलाइन जारी करें।

क्या कहना है एस.एस.पी. बटाला का?
उक्त मामलों संबंधी जब एस.एस.पी. बटाला उपिंद्रजीत सिंह घुम्मण से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह पुलिस कर्मचारियों को हिदायतें जारी करेंगे कि कर्मचारी नाकों पर किसी के साथ भी बदसलूकी न करें। पत्रकारों के साथ हुई बदसलूकी के बारे में बात करते हुए एस.एस.पी. ने कहा कि वह इस संबंधी संबंधित कर्मचारियों को बुलाकर सख्त हिदायतें देंगे।

क्या कहना है जिलाधीश गुरदासपुर का?
उक्त मामले संबंधी जब जिलाधीश गुरदासपुर जनाब मुहम्मद इश्फाक से पत्रकारों हेतु पंजाब सरकार द्वारा जारी हिदायतों की जानकारी ली गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मीडिया कर्मी को हर जगह जाने की इजाजत है और यदि कहीं भी मीडिया कर्मियों से कोई बदसलूकी सामने आती है तो वह इस संबंध में एस.एस.पी. बटाला उपिन्द्रजीत सिंह घुम्मण से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि आने वाले दिनों में भी कोई दिक्कत पेश आती है तो वह खुद बटाला आकर एस.एस.पी. व मीडिया कर्मियों से बैठक करेंगे।

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