Edited By Updated: 28 Apr, 2017 04:21 PM
पंजाब में पूर्व बादल सरकार द्वारा 2007 से 2017 तक हैलीकाप्टर सेवा पर ही 116.93 करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि खर्च कर दी गई।
जालंधर (धवन): पंजाब में पूर्व बादल सरकार द्वारा 2007 से 2017 तक हैलीकाप्टर सेवा पर ही 116.93 करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि खर्च कर दी गई। राज्य में कोई ऐसा दिन होगा, जब पूर्व मुख्यमंत्री या पूर्व उपमुख्यमंत्री हैलीकाप्टर सेवा या चार्टेड विमानों का प्रयोग नहीं करते थे।
आर.टी.आई. एक्टीविस्ट डाल चंद पवार ने पंजाब के शहरी हवाबाजी विभाग के डायरैक्टर के पास जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन लगाकर पूछा था कि पूर्व सरकार ने 2007 से 2017 तक अपने पांच वर्षों के कार्यकाल में हैलीकाप्टर सेवा पर कुल कितना सरकारी पैसा खर्च किया है।
शहरी हवाबाजी विभाग के डायरैक्टर कार्यालय के लोकजन सूचना अधिकारी ने खुलासा करते हुए कहा है कि इस अवधि के दौरान 116.93 करोड़ रुपया खर्च हुआ, जोकि सरकारी खजाने से अदा किया गया। इस अवधि के दौरान पूर्व पंजाब सरकार द्वारा सरकारी हैलीकाप्टर की मैंटेनैंस तथा कर्मचारियों के वेतन तथा हैलीकाप्टर के फयूल के ऊपर भी 8.85 करोड़ रुपए की राशि अलग से खर्च की गई।
राज्य में कांग्रेस सरकार बनने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने यह निर्णय लिया कि कांग्रेस सरकार द्वारा कम से कम हैलीकाप्टर सेवाओं का प्रयोग किया जाएगा। केवल अति जरूरी कार्यों के लिए ही हैलीकाप्टर सेवा का प्रयोग होगा। जबकि पूर्व सरकार के समय तो चार्टेड फ्लाइटों की सेवाएं लेने के बदले भी करोड़ों रुपए की धन राशि सरकारी खजाने से अदा की जाती रही।
पूर्व सरकार के वी.वी.आई.पीज. अधिकतर सड़क मार्ग का प्रयोग करने की बजाय हैलीकाप्टर सेवा का ही प्रयोग करते थे। सरकारी हलकों नेबताया कि नई सरकार द्वारा वी.वी.आई.पी. कल्चर को खत्म करने का अभियान शुरू किया गया है ताकि सरकारी खर्चों में कटौती की जा सके, क्योंकि राज्य पहले ही भारी भरकम वित्तीय संकट के जंजाल में फंसा हुआ है। माना जा रहा है कि पंजाब पर कुल कर्जा 2 लाख करोड़ से अधिक होने का अनुमान है, जबकि पहले यह राशि कम मानी जा रही थी। ऐसी स्थिति में इन कर्जों पर ब्याज का भुगतान व कर्जे की किश्तें मौजूदा सरकार को हर वर्ष अदा करनी होंगी। इसीलिए नई सरकार ने केन्द्र की मोदी सरकार से पंजाब को वित्तीय पैकेज देने की मांग की है।