Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 04:27 PM
बठिंडा सांसदीय हलके में अगला चुनावी दंगल देवरानी-जेठानी दरमियान हो सकता है।
बठिंडाःलोकसभा चुनाव 2019 भले ही काफी दूर हैं लेकिन बठिंडा संसदीय हलके में अगला चुनावी दंगल देवरानी-जेठानी दरमियान हो सकता है। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल की पत्नी वीनू बादल की बठिंडा शहर में बढ़ रही सरगर्मियां से चर्चे छिड़े हुए हैं। दूसरी तरफ शिरोमणि अकाली दल की तरफ से हरसिमरत कौर बादल का 2019 की लोकसभा चुनाव बठिंडा हलके से लड़ना तय है जिससे साफ होता है कि दोनों देवरानी-जेठानी में कड़ा मुकाबला हो सकता है।
कांग्रेस हाईकमान नए उभर रहे राजनीतिक हालात के मद्देनजर वीनू बादल को आगे कर सकते हैं। वीनू ने बातचीत दौरान आगामी चुनाव लड़ने की बात तो नहीं मानी परन्तु इन्कार भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि उनके चुनाव लड़ने बारे तो अभी परिवार में भी विचार नहीं हुई। बाकी अभी समय पड़ा है। जब पूछा गया कि कांग्रेस हाईकमान की तरफ से बठिंडा से चुनाव लड़ने का आदेश देने की सूरत में उनका क्या फैसला होगा, तो वीनू बादल ने कहा ‘‘जब समय आएगा, तब सोचेंगे, अभी तो काम पर ही ध्यान है।’’ सक्रिय राजनीति में आने बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चुनाव में पूरा परिवार ही जिम्मेदारी उठाता है।
बताने योग्य है कि वीनू बादल ने 3 फरवरी से बठिंडा में नुक्कड़ मीटिंगों का सिलसिला शुरू किया हुआ है, जिससे राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। लोकसभा चनाव 2009 में बठिंडा हलके से हरसिमरत के मुकाबले कैप्टन अमरेद्र सिंह के लड़के रणइन्दर सिंह ने चुनाव लड़ा था और वह हार गए थे। गत चुनाव में मनप्रीत बादल की हरसिमरत से बहुत कम वोटों के साथ हार हुई थी। राजनीतिक माहिर अनुमान लगाते हैं कि रणइन्दर सिंह का अब बठिंडा से मैदान में उतरना मुश्किल है। कांग्रेस हकूमत बनने बाद में भी रणइन्दर सिंह ने कभी बठिंडा हलके का जनतक चक्कर नहीं लगाया।
मनप्रीत बादल खुद इस वक्त वित्त मंत्री हैं। कांग्रेसी रणनीति हो सकती है कि बादल परिवार की फिर लोकसभा चुनाव में आपसी राजनीतिक टक्कर करा दी जाए। वीनू बादल का कहना था कि वह बठिंडा के सभी वार्डों में मीटिंगों का दौर मुकम्मल करेंगी और इसका चुनाव के साथ कोई ताअल्लुक नहीं है।