Edited By Updated: 03 Mar, 2017 04:38 PM
बादल सरकार के सीनियर अकाली लीडरों के विधानसभा क्षेत्रों में बिजली चोरी के काफी मामले सामने अाएं है।
पटियाला: बादल सरकार के सीनियर अकाली लीडरों के विधानसभा क्षेत्रों में बिजली चोरी के काफी मामले सामने अाएं है। पावरकॉम की पूरे राज्य में बिजली बिल वसूली की जो औसतन कलैक्शन एफिशेंसी है, इन चारों अकाली लीडरों के विस क्षेत्रों में यह कलैक्शन एफिशेंसी उस औसत से कम है। इन लीडरों के इलाकों में एग्रीगेट ट्रांसमिशन एंड कमर्शियल लॉसिस (एटीएंडसी) भी पावरकॉम की ओवरऑल औसत से कहीं ज्यादा है। इन लॉसिस में जहां ट्रांसमिशन लॉस शामिल होते हैं वहीं बिजली चोरी भी शामिल होती है।
पावरकॉम के मुक्तसर सर्किल के तहत बादल डिवीजन आती है। प्रकाश सिंह बादल की विधानसभा सीट लंबी के सभी गांव इसी डिवीजन के तहत आते हैं। अब दिलचस्प पहलू यह है कि जहां पावरकॉम की ओवरॉल कलैक्शन एफिशेंसी 93.34 फीसदी है वहीं साल 2016 के दौरान बादल डिवीजन की कलैक्शन एफिशेंसी 80.13 फीसदी ही रही। पावरकॉम जानकार बिजली बिल कम भरे जाने का एक कारण यह भी मानते हैं कि यह चुनावी साल रहा और बिजली बिल न भरने वाले डिफाल्टरों ने इस पहलू का फायदा उठाया। साल 2015 में इस इलाके में कलैक्शन एफिशेंसी 88.08 फीसदी थी जिसमें साल 2016 में सीधे आठ फीसदी की गिरावट आ गई।
उधर डिप्टी सी.एम. सुखबीर बादल के इलाके जलालाबद में भी कलैक्शन एफिशेंसी 89.08 फीसदी ही रही जो इस बारे में पावरकॉम की एवरेज से कम है। जलालाबाद में भी चुनावी साल में बिजली बिल कम भरे जाने का ट्रेंड सामने आया क्योंकि साल 2015 में यह एफिशेंसी 95.34 फीसदी थी। बादल परिवार से संबंधित सीनियर अकाली लीडर आदेश प्रताप सिंह कैरों के इलाके पट्टी में तो कलैक्शन एफिशेंसी 77.75 फीसदी पूरे राज्य में ही सबसे कम रही।
पावरकॉम एटी एंड सी लॉसिस में बिजली चोरी शामिल करता है। यह लॉस ओवरऑल जहां 23.08 फीसदी हैं। वहीं साल 2016 में बादल डिवीजन में यह इससे दोगुणा यानी 46.66 फीसदी रहे। कैरों के इलाके पट्टी में तो इससे भी ज्यादा यानी 49.21 फीसदी रिकॉर्ड किए गए। सुखबीर के इलाके जलालाबाद में यह लॉस 37.11 फीसदी रिकॉर्ड हुए जोकि पावरकॉम के ओवरऑल से 14 फीसदी ज्यादा हैं।