Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jun, 2017 10:27 AM
वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव अब बहुत दूर नहीं हैं तथा इन चुनावों को अब 2 वर्ष से भी कम का समय रह गया है।
जालंधर (पाहवा): वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव अब बहुत दूर नहीं हैं तथा इन चुनावों को अब 2 वर्ष से भी कम का समय रह गया है। ऐसे में भाजपा राजनीतिक तौर पर उन मुद्दों की तलाश में निकल पड़ी है, जो इन चुनावों में उसे सफलता दे सकते हैं। इन्हीं में से एक मुद्दा है अयोध्या में राम मंदिर का। अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के 25 साल के बाद यह मामला एक बार फिर से मुखर होने लगा है।
लखनऊ में विशेष सी.बी.आई. अदालत में बाबरी मामले की रोजाना सुनवाई होने से यह मामला इन दिनों फिर से चर्चा में है। इन चर्चाओं के बाजार के गर्म होते ही भाजपा के लोग इसमें नई राजनीतिक संभावनाएं तलाशने लगे हैं। ये लोग अभी से इस बात को लेकर खुश हैं कि 2019 के लोकसभा चुनावों में यह मुद्दा उन्हें फायदा दे सकता है।
बेशक भाजपा के वरिष्ठ नेता व उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य दावा करते हैं कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है, आस्था और विश्वास से जुड़ा मामला है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों में 403 में से भाजपा को 325 सीट हासिल हुई थीं जिसके बाद भाजपा को लगता है कि राम मंदिर मुद्दे को जनता का सहयोग मिलेगा। भाजपा के लोग मानते हैं कि हर व्यक्ति चाहता है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो। अदालत मंदिर से जुड़े किसी मसले पर जब भी अपना निर्णय देती है तो कुछ गर्माहट जरूर होती है। भाजपा के नेता खुद मानते हैं कि करोड़ों भारत वासियों से जुड़ा यह राष्ट्रीय मुद्दा है। भाजपा के नेता यह भी मानते हैं कि राम मंदिर मुद्दे का असर आगामी लोकसभा चुनाव पर जरूर पड़ेगा। कुछ नेता तो यह भी कहते हैं कि भाजपा अयोध्या प्रकरण को गैर-राजनीतिक मुद्दा नहीं मानती।
ये लोग कहते हैं कि भाजपा ही एक अकेली ऐसी पार्टी है जिसने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया तथा संविधान के दायरे के अंदर रह कर अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि अयोध्या प्रकरण से जुड़े 2 मामलों की सुनवाई कर रही लखनऊ की विशेष सी.बी.आई. अदालत ने 30 मई को भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण अडवानी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित 12 आरोपियों पर आरोप तय किए जाने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के अस्थायी राम मंदिर में पूजा-अर्चना की। उनका यह कहना है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे का हल आपसी बातचीत से होना चाहिए, जिसका साफ मतलब है कि भाजपा चाहती है कि अब इस मसले का इस प्रकार हल निकाला जाए कि मंदिर भी बन जाए, वोट बैंक भी सुरक्षित रहे और मुस्लिम समुदाय भी पार्टी से नाराज न हो।