Edited By Updated: 27 Feb, 2017 05:26 PM
प्रमुख चार्टेड अकाऊंटैंट्स ने केन्द्र सरकार व आयकर विभाग से कहा है
जालंधर (धवन): प्रमुख चार्टेड अकाऊंटैंट्स ने केन्द्र सरकार व आयकर विभाग से कहा है कि वह नोटबंदी के बाद लोगों द्वारा बैंकों में जमा करवाई गई नकदी के मामले में अधिक सख्त कदम उठाने से गुरेज करे तथा करदाताओं के अंदर अनिश्चितता व असुरक्षा की भावना को पैदा न होने दें। आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए चार्टेड अकाऊंटैंट अश्विनी गुप्ता, अश्विनी रणदेव, अश्विनी जिन्दल, मनोज सोनी, व दिनेश सरना एडवोकेट ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुई नकदी के बाद आयकर विभाग ने देश भर में 18 लाख लोगों को नोटिस भेजकर नकदी के स्रोतों के बारे में जानकारी मांगी थी। यह नोटिस आनलाइन भेजे गए थे।
उन्होंने कहा कि लगभग 10 लाख लोगों ने जवाब नहीं भेजा था क्योंकि उन्हें या तो फोन या फिर ईमेल पर नोटिस प्राप्त ही नहीं हुए थे। विभाग को इस तथ्य को भी अपने ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने 5 दिनों में करदाताओं को जवाब देने के लिए कहा है। यह समय अवधि बहुत कम है। कई करदाताओं को तो जवाब देने के लिए मात्र एक दिन का समय मिला। उन्होंने कहा कि जिन करदाताओं ने आयकर विभाग को जवाब नहीं दिया है, उनके अब विभाग ने धड़ाधड़ सर्वे करने शुरू कर दिए हैं। उन्होंन ेकहा कि आयकर विभाग को चाहिए कि वह सर्वे जैसे सख्त कदम उठाने से पहले करदातआओं को एक और नोटिस भेजकर जवाब मांगे। अगर जवाब से वे संतुष्टन हीं होता है तो फिर करदाता को और मौका दिया जाए ताकि वह अपनी नकदी के स्रोतों के बारे में जानकारी दे सके। सबसे अंत में ही सर्वे किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने स्वयं 21 फरवरी को अपने निर्देशों में कहा था कि वह सर्वे सबसे अंत में करेगा परन्तु अब तो शुरू से ही सर्वे का कार्य प्रारंभ किया गया है, जिससे अन्य लोगों में भी भय व असुरक्षा पाई जा रही है। उन्होंने लोगों से कहा कि उनके पास भी 31 मार्च तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अपना पैसा घोषित करने का अंतिम अवसर है। अगर लोगों के पास अपने पैसे के स्रोत नहीं हैं, तो फिर इन्हें इस योजना के तहत अपना पैसा घोषित कर देना चाहिए। अश्विनी गुप्ता ने कहा कि अर्थव्यवस्था पहले ही कमजोर चल रही है तथा ऊपर से सख्त कदम से व्यापारिक माहौल और खराब हो सकता है।