Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 03:01 PM
जालंधर बाईपास से सटे इलाके भट्टियां बेट में नए नीले कार्ड बनवाने के चक्कर में महिलाओं ने जमकर सरकार को कोसा।
लुधियाना(खुराना): जालंधर बाईपास से सटे इलाके भट्टियां बेट में नए नीले कार्ड बनवाने के चक्कर में महिलाओं ने जमकर सरकार को कोसा। महिलाओं ने आरोप लगाए कि गरीबों की आटा-दाल स्कीम अब विभिन्न सियासी पार्टियों के नेताओं के लिए अपनी राजनीति चमकाने का जरिया बनता जा रही है।
बड़ी संख्या में महिलाएं आज सुबह भट्टियां बेट गांव में पड़ते पटवारखाने में नए नीले कार्ड बनवाने के लिए पटवारी के कार्यालय में दस्तावेजों को अटैस्ट करवाने के लिए पहुंची थीं। सुबह 11 बजे तक पटवारखाने में लटक रहे ताले को देखकर महिलाएं भड़क उठीं। गुस्से से भड़की महिलाओं ने कहा कि जब गरीबों को सरकारी गेहूं राशन डिपुओं द्वारा वितरित की जाती है तो मौके पर कई सियासी पार्टियों के लीडर मीडिया में फोटो खिंचवाने के लिए मौजूद रहते हैं लेकिन जब किसी सरकारी योजना का लाभ मुहैया करवाने की बात आती है तो यह लाभ वे अपने चहेतों तक पहुंचाने की ताक में लगे रहते हैं।
सारा ड्रामा नीले कार्ड पर लगी पूर्व मुख्यमंत्री की फोटो हटाने के लिए रचा जा रहा है : महिलाएं
महिलाओं ने बताया कि वे मजदूरी कर बड़ी मुश्किल से अपने परिवारों का पालन-पोषण कर रही हैं। वे पिछले कई दिनों से कार्ड बनवाने के लिए उक्त कार्यालय का चक्कर काट रही हैं लेकिन उन्हें पटवारी साहब के कथित दर्शन नहीं हो रहे हैं। महिलाओं ने आरोप लगाए कि असल में यह सारा ड्रामा कथित तौर पर मौजूदा कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य की पूर्व अकाली-भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए नीले कार्डों पर लगी पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की फोटो हटाकर मौजूदा मुख्यमंत्री की फोटो लगाने के लिए रचा जा रहा है, जिसके चलते हजारों गरीब परिवार कथित रूप से परेशान हो रहे हैं। यहां बताना अनिवार्य होगा कि नीले कार्डों की री-वैरीफिकेशन संबंधी राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में पटवारियों व खाद्य एवं आंपूर्ति विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी तय कर रखी है।