Edited By Urmila,Updated: 29 Oct, 2023 09:42 AM
पंजाब काटन फैक्ट्रीज एवं प्रैसिंग एसोसिएशन की बैठक प्रधान सुरेश बांसल अबोहर वालों की अध्यक्षता में हुई जिसमें राज्य भर के कपास जिनरों ने भाग लिया।
जैतो: पंजाब काटन फैक्ट्रीज एवं प्रैसिंग एसोसिएशन की बैठक प्रधान सुरेश बांसल अबोहर वालों की अध्यक्षता में हुई जिसमें राज्य भर के कपास जिनरों ने भाग लिया। बैठक में पंजाब सरकार द्वारा उन्हें पी.आई.डी.एफ. 2 फीसदी भरने के नोटिस भेजने पर रोष व्यक्त करते हुए इसके विरोध में 30 अक्तूबर से राज्य भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया गया और कोई भी कपास उद्योग मालिक कपास नरमा नहीं खरीदेगा। कताई मिलों ने भी हड़ताल को समर्थन देने का निर्णय किया है। जब तक पंजाब सरकार पी.आई.डी.एफ. (सैस) भरने के नोटिस वापस नहीं ले लेती तब तक पंजाब का कोई भी कपास जिनर उद्योग मालिक कपास (नरमा) नहीं खरीदेगा और उनकी हड़ताल अनिश्चितकालीन जारी रहेगी।
बैठक में कहा गया कि राज्य की बादल सरकार ने साल 2010 में पी.आई.डी.एफ. (सैस) पूरी तरह खत्म कर दिया था। उसके बाद राज्य में आई सरकारों ने भी सैस के बारे में कोई बात नहीं की क्योंकि बादल सरकार ने सैस समाप्त कर इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी थी लेकिन अब पंजाब सरकार ने राज्य के कपास कारोबारियों को 2010 से 2014 तक करोड़ों रुपए का सैस भरने के नोटिस भेज दिए हैं जबकि भारतीय कपास निगम (सी.सी.आई.) को कोई नोटिस जारी नहीं किया है।
बैठक में कहा गया कि जब कपास जिनरों ने पी.आई.डी.एफ. वसूल किया ही नहीं फिर वे कहां से करोड़ों रुपए सरकार को देंगे। सरकार की कपास जिनरों के प्रति नई-नई गलत नीतियों के कारण पंजाब में बाकी रहती 58 कपास मिलें बंद हो जाएंगी। मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि सरकार ने पी.आई.डी.एफ. भरने के लिए जो नोटिस भेजे हैं वह वापस लिए जाएं क्योंकि पिछली बादल सरकार ने यह सैस माफ कर दिया था। बैठक में हर्ष गर्ग, वनीत गर्ग, अश्विनी कुमार, कैलाश गर्ग, मोहन बिदानी, ओमकार मल, जनक राज गोयल, नौनी, सुरेश बांसल, सुरेश गर्ग, विजय मानसा, लक्ष्मण दास, विजय कुमार आदि उपस्थित थे।
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