सरपंच व पंचायत सैक्रेटरी पर मनरेगा मजदूरों के लाखों रुपए गबन करने का आरोप

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2017 10:15 AM

allegation on sarpanch

मनरेगा अधीन कार्य करने वाले मजदूरों ने बल्लूआना विधानसभा क्षेत्र के गांव अमरपुरा के सरपंच अमरदेव गंगपारिया सहित पंचायत सदस्यों व

अबोहर (रहेजा): मनरेगा अधीन कार्य करने वाले मजदूरों ने बल्लूआना विधानसभा क्षेत्र के गांव अमरपुरा के सरपंच अमरदेव गंगपारिया सहित पंचायत सदस्यों व पंचायत सैके्रटरी पर लाखों रुपए हड़पने के कथित आरोप लगाए हैं। शिकायतकत्र्ता ने डी.सी. सहित अन्य उच्चाधिकारियों से शिकायत करते हुए पंचायत पर कार्रवाई करने की मांग की है। जिक्रयोग्य है कि गांव अमरपुरा के सरपंच पर पिछले काफी दिनों से सरकारी रुपयों के दुरुपयोग करने के आरोप लग रहे हैं। 

जानकारी देते हुए शिकायतकत्र्ता भागा राम, पटवारी राम उर्फ सतपाल, कृष्ण लाल, राजेश सिंह पूर्व सरपंच, राजिन्द्र सिंह पूर्व पंच, राजिन्द्र सिंह पंच आदि ने बताया कि गांव अमरपुरा में मनरेगा स्कीम के अंतर्गत कार्य चलता है और इसकी कमेटी बनाई गई है, जिसकी देखरेख गांव का सरपंच अमरदेव व उनकी पत्नी माया देवी पूर्व सरपंच कर रही है। शिकायतकत्र्ता के अनुसार मनरेगा स्कीम में गांव पंचायत, पंचायत सैके्रटरी व मनरेगा कमेटी ने मिलीभगत कर लाखों रुपए की घपलेबाजी की है। उन्होंने बताया कि मनरेगा मजदूर महिन्द्र कुमार (रोजगार कार्ड नंबर 106) की 2005 में मृत्यु हो चुकी है तथा उक्त लोग तब से अब तक उसके नाम पर लाखों रुपए उनकी दिहाड़ी हड़प चुके हैं। इसी तरह गांव के कृष्ण लाल, सुभाष चन्द्र, टेक चंद, पटवारी राम पुत्र बेहरा राम रूकमा रानी, बिमला देवी पत्नी पृथ्वीराज, पाला राम पुत्र धन्ना राम, रूकमा पत्नी मनी राम, दलीप कुमार पुत्र राजू राम के नाम पर दिहाड़ी डालकर कर रुपए खुद हड़प लिए हैं। 

सरपंच पर मनमानी का आरोप लगाते हुए उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि वाटर वक्र्स के स्थान पर जंगलात विभाग द्वारा बगैर अनुमति लिए व बिना किसी योजना के विपरीत वृक्षों को उखाड़ लिया गया, जिसका कोई हिसाब नहीं रखा गया। उन्होंने इस मामले में भी घपलेबाजी के आरोप लगाए हैं। एक अन्य घपले को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि सरपंच द्वारा गांव के सरकारी हाई सैकेंडरी स्कूल में 2 लाख की मिट्टी डालने के कार्य में भी घपलेबाजी की है, जबकि कार्य 30 प्रतिशत भी नहीं किया गया और 70 प्रतिशत की रकम फर्जी बिलों के माध्यम से हड़प ली। शिकायतकत्र्ता ने मनरेगा कमेटी में शामिल सदस्यों सहित पंचायत सैके्रटरी के विरुद्ध कार्रवाई कर उन्हें सस्पैंड करने की मांग की है। 

क्या कहते हैं सरपंच 
इस संबंध में जब गांव के सरपंच से बात की गई तो उन्होंने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि मनरेगा कमेटी द्वारा मस्टरोल रजिस्टर पूरा कर मजदूरी के लिए दफ्तर में भेज दिया जाता है, वहां से सीधे ही मजदूरों के बैंक खातों में चली जाती है। 
 

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