Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Nov, 2017 08:24 AM
शिरोमणि अकाली दल का ड्रीम प्रोजैक्ट एम्ज अब ड्रीम बनता नजर आ रहा है, क्योंकि 1 वर्ष बीतने के बावजूद एम्ज का निर्माण भी शुरू नहीं हो सका। जबकि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल इसका आरोप कैप्टन सरकार पर लगा रही हैं कि सरकार जरूरी मंजूरियां नहीं दे...
बठिंडा(बलविंद्र): शिरोमणि अकाली दल का ड्रीम प्रोजैक्ट एम्ज अब ड्रीम बनता नजर आ रहा है, क्योंकि 1 वर्ष बीतने के बावजूद एम्ज का निर्माण भी शुरू नहीं हो सका। जबकि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल इसका आरोप कैप्टन सरकार पर लगा रही हैं कि सरकार जरूरी मंजूरियां नहीं दे रही। बीबी बादल ने आज एम्ज साइट का दौरा भी किया और निर्माण कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सड़कों पर बैठ जाएं ताकि निकम्मी कैप्टन सरकार कोई काम कर ले।
बीबी बादल ने बताया कि बादल सरकार ने क्षेत्रीय खोज केंद्र पंजाब कृषि यूनिवॢसटी लुधियाना से 175 एकड़ जमीन एम्ज को तबदील कर दी, जबकि निर्माण के लिए केंद्र सरकार से 925 करोड़ रुपए का प्रबंध किया। एम्ज 7550 बैड का अस्पताल बनना है, जिसमें 100 सीटें मैडीकल कालेज और 60 सीटें नॄसग कालेज भी शामिल है। परंतु खेल विभाग की 10 एकड़ जमीन का एक टुकड़ा एम्ज को तबदील नहीं हो सका। इन कार्यों के लिए डी.सी. बङ्क्षठडा अनेकों बार संबंधित विभागों को पत्र लिख चुके हैं परंतु यह फाइलें कैप्टन सरकार के इशारे पर चंडीगढ़ में दबी हुई हैं। उन्होंने कहा कि वह इस संबंधी कैप्टन सरकार को पत्र भी लिखेंगी कि जरूरी मंजूरियां दी जाएं ताकि 2019 तक कम से कम यहां ओ.पी.डी. शुरू हो सके। कैप्टन सरकार को 10 महीने हो चुके हैं परंतु एक भी नया काम सामने नहीं आ रहा बल्कि पिछली सरकार के चल रहे कार्य भी बंद करवा दिए हैं। इस मौके पर अकाली नेता डा. ओम प्रकाश शर्मा, ाजदीप सिंह, गुरविंद्र सिंह बराड़, अनमोल सिंह व अन्य अकाली मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 नवम्बर 2016 में रखा था नींव पत्थर
गौर हो कि 25 नवम्बर 2016 को बङ्क्षठडा में एम्ज (आल इंडिया इंस्टी‘यूट आफ मैडीकल साइंसिज) का नींव पत्थर रखने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्द थे कि ‘‘एम्ज का नींव पत्थर मैंने रखा, उद्घाटन भी मैं ही करूंगा, जोकि करीब अढ़ाई वर्ष में बनकर पूरा हो जाएगा।’’ अब कुछ सवाल हवा में तैर रहे हैं कि जिस प्रोजैक्ट का नींव पत्थर प्रधानमंत्री से रखाया गया क्या उस समय बादल सरकार ने सभी मंजूरियां नहीं दीं।