Edited By swetha,Updated: 07 Oct, 2018 08:39 AM
: धान का सीजन शुरू होते ही पंजाब के लोगों को धुएं से ढका आसमान और घरों में घुस रहे धुएं का दृश्य दिखाई देने लगता है। प्रदूषण के इस कहर से बचने के लिए चाहे सरकार, प्रशासन, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और समाज सेवी संस्थाओं द्वारा बड़े स्तर पर कोशिश भी की...
पटियाला/नाभा(बलजिन्द्र, राणा): धान का सीजन शुरू होते ही पंजाब के लोगों को धुएं से ढका आसमान और घरों में घुस रहे धुएं का दृश्य दिखाई देने लगता है। प्रदूषण के इस कहर से बचने के लिए चाहे सरकार, प्रशासन, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और समाज सेवी संस्थाओं द्वारा बड़े स्तर पर कोशिश भी की जा रही है। पर फिर भी अगले कुछ दिनों में पंजाब की साफ आबो-हवा को प्रदूषण का ग्रहण लग सकता है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार इस समय पंजाब की हवा बहुत ही साफ और कम प्रदूषण वाली कही जा सकती है। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 6 अक्तूबर को एयर क्वालिटी इंडैक्स औसतन 71 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर है जबकि उत्तर भारत के मैदानी राज्यों की तुलना में काफी साफ कहा जा सकता है। आज रिकार्ड किए गए आंकड़ों में दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडैक्स औसतन 256 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर है जो कि पंजाब से 260 गुना अधिक कहा जा सकता है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि पंचकूला की हवा भी आज पंजाब से अधिक प्रदूषित है। पंचकूला में एयर क्वालिटी इंडैक्स औसतन 97 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर है।
जिला प्रशासन द्वारा व्यापक प्रबंधों का दावा
जिला प्रशासन ने इस बार धान की पराली को जलाने से रोकने के लिए पूरे प्रबंध करने का दावा किया है। सारे प्रबंधों का जायजा खुद डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित कर रहे थे। इसके बाद हर डिवीजन स्तर पर एस.डी.एम. और उसके बाद बी.डी.पी.ओ. ब्लाक स्तर पर समूचे प्रबंध देखेंगे। इतना ही नहीं, हर गांव की निगरानी लोगों का चुना हुआ नुमाइंदा करेगा। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा एक कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया गया है और एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है ताकि कोई भी उस नंबर पर पराली जलाने वालों की तस्वीर पोस्ट कर सके। कार्रवाई के लिए सैटेलाइट का सहारा लिया जाएगा। कंट्रोल रूम में बैठ कर सारे जिले के हर कोने पर पैनी नजर रखी जा सकती है।
पंजाब में 6 अक्तूबर को प्रदूषण की स्थिति (पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार)
पटियाला-62, मंडी गोबिंदगढ़-74, लुधियाना-83, जालंधर-63, अमृतसर-83, खन्ना-59, बठिंडा-86, ओवरआल-71, दिल्ली-256, लखनऊ-242, पंचकूला-97।
किस स्तर पर प्रदूषण की क्या है स्थिति
0-50 गुड
51-100 सटिसफैक्ट्री
101-200 मॉडरेट
201-300 पुअर,
301-400 वैरी पुअर
400-500 स्वीयर
पिछले साल भी धान का सीजन शुरू होते ही खराब हो गए थे हालात
पंजाब में पिछले कुछ वर्षों से धान का सीजन शुरू होते ही प्रदूषण के पक्ष से हालात काफी अधिक खराब हो जाते हैं। सबसे खतरनाक मिजाज पिछली बार देखने को मिला था जबकि धान के सीजन के अंतिम दिनों में एमरजैंसी घोषित कर दिया गया था और प्रदूषण अधिक होने के कारण लोगों को सैर करने से मना कर दिया गया था तथा स्कूलों में छुट्टियों का ऐलान कर दिया गया था। इस साल क्या होगा इस बारे तो कुछ दिनों बाद ही कुछ कहा जा सकता है पर यह तय है कि हवा आज जैसी सुहावनी और प्रदूषण मुक्त नहीं होगी।
पिछले वर्ष पंजाब में आंकड़ा दिल्ली से भी कहीं आगे चला गया था
प्रदूषण की बात करें तो पिछले वर्ष एयर क्वालिटी इंडैक्स औसतन 400 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर से पार चला गया था जो कि एक खतरनाक
स्थिति मानी जाती है। एयर क्वालिटी इंडैक्स औसतन 400 से 500 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर पहुंचने पर स्थिति को खराब घोषित किया जाता है और पिछले साल प्रदूषण का स्तर इस लैवल पर पहुंच गया था। पंजाब में दिल्ली से अधिक प्रदूषण हो गया था।