कोविड के दौरान हजारों लोगों की जान बचाने वाली एम्स नर्सिंग खुद जोखिम

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 09 Dec, 2023 09:20 PM

aiims nursing which saved thousands of lives during covid

एम्स नर्सिंग स्टाफ ने कभी सोचा भी नहीं था कि कोविड में अपनी जान जोखिम में डालकर हजारों लोगों की जान बचाई, आज प्रशासन के तानाशाही रवैए के कारण उनकी अपनी जान जोखिम में है।

बठिंडा (विजय): एम्स नर्सिंग स्टाफ ने कभी सोचा भी नहीं था कि कोविड में अपनी जान जोखिम में डालकर हजारों लोगों की जान बचाई, आज प्रशासन के तानाशाही रवैए के कारण उनकी अपनी जान जोखिम में है। सर्दी का प्रकोप जारी है फिर भी वह खुले आसमान में रात के अंधेरे में अपने भविष्य की लड़ाई लड़ रहे है। प्रशासन उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा है। अपने अधिकारों को 25 नवम्बर से नर्सिंग ऑफिसर स्टाफ शांतमयी प्रदर्शन कर रहा है, जबकि 6 दिसम्बर से उन्होंने आपातकालीन सेवाएं छोडक़र हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। तभी से वह हड़ताल पर चल रहे हैं जिसका असर आम मरीजों व जिंदगी-मौत की लड़ाई लड़ रहे मरीजों पर पड़ रहा है। एम्स बठिंडा नर्सिंग ऑफिसर की हड़ताल दिन प्रतिदिन भयानक होती जा रही है। अब दिल्ली, पटना सहित 12 एम्स उनके समर्थन में डट गए हैं। 

पत्र लिखकर उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग व एम्स प्रशासन को चेताया कि अगर उनकी मांगे न मानी तो देश व्यापी हड़ताल संभव है। दूसरी ओर किसान यूनियन ने निर्णय लिया है कि अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे नर्सिंग स्टाफ के हक में उतरेंगे ओर पक्का मोर्चा लगाएंगे। इससे पहले भाकियू एकता ने हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारियों के लिए लंगर का प्रबंध करना चाहा जिसे एम्स के सिक्योरिटी गार्डों ने पुलिस की सहायता से भगा दिया था। किसान यूनियन अब जोर शोर से उनके हक में उतरेगी ओर किसी प्रकार की बाधा बीच में नहीं आने देगी। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने भी एम्स प्रशासन की निंदा की ओर कहा कि वह अपना तानाशाही रवैया छोडक़र एम्स नर्सिंग के अधिकारों का खनन न करे। 


शनिवार को नर्सिंग स्टाफ व एम्स प्रशासन के बीच वार्तालाप हुआ जिसमें प्रशासन ने कहा कि वह हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आएं। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगे मान ली जाएगी लेकिन वह लिखती तौर पर देने को तैयार नहीं, जिस पर नर्सिंग स्टाफ अड़ गया कि वह लिखती के बिना हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। नर्सिंग स्टाफ ने प्रशासन को स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि अगर अगले 24 घंटों में उनकी मांगे नहीं मानी तो वह भूख हड़ताल पर चले जाएंगे ओर इसकी जिम्मेवारी एम्स प्रशासन की होगी। एम्स प्रशासन प्रदर्शनकारियों पर दबाव डाल रहा है कि वह बाहरी किसी भी संस्था का समर्थन न ले क्योंकि यह एम्स नियमों के खिलाफ है। इस पर धरनाकारियों ने कहा कि उन्हें किसी के समर्थन की जरूरत नहीं, वह स्वयं ही काफी है। अगर कोई उनके समर्थन में आएगा तो वह उन्हें रोक नहीं पाएंगे।

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