Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 11:19 AM
मोगा जिले के थाना मैहना के नजदीक जुलाई-2013 में पति द्वारा अपनी पत्नी व ससुर पर डाले तेजाब से मनदीप कौर जहां 70 प्रतिशत घायल हो गई, वहीं उसका पिता शमशेर सिंह 30 प्रतिशत घायल हो गया, जो काफी समय से उपचाराधीन हैं।
मोगा(ग्रोवर): मोगा जिले के थाना मैहना के नजदीक जुलाई-2013 में पति द्वारा अपनी पत्नी व ससुर पर डाले तेजाब से मनदीप कौर जहां 70 प्रतिशत घायल हो गई, वहीं उसका पिता शमशेर सिंह 30 प्रतिशत घायल हो गया, जो काफी समय से उपचाराधीन हैं।
गौरतलब है कि पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्ट ने 13 जुलाई, 2013 को इस मामले का शू माटो नोटिस लेने उपरांत पंजाब सरकार को आदेश दिए थे कि पीड़ितों के इलाज के लिए सारे मैडीकल बिलों की अदायगी की जाए, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि पीड़ितों को 18 लाख रुपए के मैडीकल बिलों की अभी तक भी अदायगी नहीं हुई है। इस कारण पीड़ित परिवार निराशा के आलम से गुजर रहा है। ‘पंजाब केसरी’ द्वारा इस बहुचर्चित रहे मामले पर एकत्रत की गई रिपोर्ट में यह तथ्य भी उभरकर सामने आया कि पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों उपरांत पंजाब सरकार ने मैडीकल बिलों समेत पीड़ितों को बनती राहत राशि जल्द मुहैया करवाने के लिए एक लिखित एफीडेविट भी अदालत में जमा करवाया था।
यहां उल्लेखनीय है कि मोगा जिले के इस मामले उपरांत ही पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्ट ने तेजाब पीड़ितों के समूचे मामलों की सुनवाई को पूरा कर दिया था। इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा पीड़ितों की वित्तीय सहायता के लिए पालिसी बनाई थी। इस हमले में मनदीप सिंह की एक आंख की रोशनी भी चली गई थी। जानकारी के अनुसार कोर्ट के आदेशों पर जिला लीगल सॢवस अथारिटी को 5 लाख रुपए की सहायता पीड़ित को 15 दिनों के अंदर-अंदर मुहैया करवाने के आदेश दिए थे।
सारे मैडीकल बिल जिला प्रशासन को जमा करवाए : अमित घई
पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए लंबी कानूनी कार्रवाई करने वाले पीड़ितों के वकील अमित घई से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि मनदीप के इलाज पर खर्च हुए 18 लाख रुपए के बिल जिला प्रशासन को जमा करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक पीड़ितों को एक ‘पैसा’ भी मैडीकल बिलों के खर्च तहत नहीं मिल सका।
क्या कहना है पीड़िता मनदीप कौर का
इस मामले संबंधी जब पीड़िता मनदीप कौर से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि इस हमले से उसके चेहरे के नुक्सान के साथ-साथ एक आंख की रोशनी भी चली गई। उन्होंने कहा कि इलाज के लिए लोन लेने के साथ-साथ रिश्तेदारों से भी पैसे मांगे हैं। पीड़िता के पिता शमशेर सिंह ने कहा कि उसके इलाज पर भी लाखों रुपए खर्च आया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मैडीकल बिल डिप्टी कमिश्नर दफ्तर में जमा करवाए हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने तेजाब पीड़ितों के लिए 8 हजार रुपए प्रति महीना सहायता राशि मुहैया करवाने संबंधी नोटीफिकेशन भी जारी किया है।