युवक की मौत के बाद शहरियों का गुस्सा सातवें आसमान पर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Oct, 2017 04:37 PM

accident

फिरोजपुर शहर में भारी वाहनों की एंट्री को रोकने के लिए और सैंकड़ों स्कूल जाते बच्चों की जाने बचाने के लिए पंजाब केसरी

फिरोजपुर(कुमार/मल्होत्रा): फिरोजपुर शहर में भारी वाहनों की एंट्री को रोकने के लिए और सैंकड़ों स्कूल जाते बच्चों की जाने बचाने के लिए पंजाब केसरी अलग-अलग संगठनों के प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों की आवाज उठाता रहा है। मगर जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों और पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों की इस मांग और समस्या की ओर गम्भीरता से ध्यान न देने के कारण गत दोपहर शहर में थाना सदर के पास मयंक शर्मा (16) पुत्र दीपक शर्मा वासी बेरी मोहल्लों को एक बस ने कुचल  दिया। हादसे में घायल मयंक ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। 

फिरोजपुर शहर और छावनी के तंग बाजारों में मौत बांट रहे भारी वाहनों एवं बसों पर पाबंदी लगाने को लेकर प्रशासन पूरी तरह नाकाम रहा है। आए दिन शहर में हो रही दुर्घटनाओं और मौतों को लेकर शहरियों के एक बड़े वर्ग ने इसका पक्का हल निकालने की ठान ली है। अध्यापक दीपक शर्मा के पुत्र मयंक शर्मा की मौत के बाद जहां पूरा शहर शोक में है, वहीं उनका प्रशासन के प्रति गुस्सा भी सातवें आसमान पर है। करीब सभी धार्मिक, स्वयंसेवी संस्थाओं ने पंजाब सरकार और जिला प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी है कि अगर हैवी ट्रैफिक का शहर से गुजरना बंद न किया गया तो वे इसके लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।  

क्यों पटरी पर नहीं शहर की ट्रैफिक व्यवस्था
फिरोजपुर सिटी में ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए 8 ट्रैफिक प्वाइंट्स हैं जिनमें बगदादी गेट, दिल्ली गेट, जीरा गेट, मक्खू गेट, बांसी गेट, मुल्तानी गेट, ऊधम सिंह चौक और खाई रोड शामिल हैं। यहां पर जिला प्रशासन द्वारा दिन के समय भारी वाहनों पर पाबंदी लगाई गई है। इसके अलावा 4 सीङ्क्षलग प्वाइंट्स हैं जिनमें मल्लांवाला रोड, किले वाला चौक, रेलवे पुल, नामदेव चौक हैं। यहां पर तैनात ट्रैफिक विंग कर्मचारी हैवी व्हीकल्ज को शहर में प्रवेश नहीं करने देते। सबसे बड़ी समस्या धान एवं गेहूं के सीजन में आती है जब आसल रोड पर स्थित अनाज के गोदामों से ट्रकों में माल सिटी रेलवे स्टेशन भेजा जाता है तो पूरे शहर की ट्रैफिक में विघ्र पड़ता है। पहले यह ट्रैफिक गोदामों से सांदे हाशम, नैशनल हाईवे से किले वाला चौक-बॉर्डर रोड से होते हुए सिटी रेलवे स्टेशन पहुंचता था। पर्याप्त संख्या में कर्मचारी न होने के चलते यह पूरा सिस्टम हिला हुआ है और हादसे घटित होते हैं। ट्रैफिक विंग में तैनात अधिकतर कर्मचारी राजनीतिक प्रभाव के चलते अपनी बदलियां करवाकर निकल जाते हैं।

नगर में ट्रैफिक पुलिस का ढांचा
ट्रैफिक इंचार्ज नरेश शर्मा का कहना है कि शहर का कोई बाईपास नहीं है। बंडाला पुल बनने के बाद जम्मू-कश्मीर, अमृतसर, पठानकोट का जो ट्रैफिक आता है वह मल्लांवाला रोड से शहर में एंटर करता है जिससे सारी ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है। सिटी में मेरे साथ एक अन्य ए.एस.आई. सुखजिन्द्र कुमार और 8 ट्रैफिक कर्मचारी हैं जबकि 20 जवानों की आवश्यकता है। छावनी में 1 ए.एस.आई. के साथ 7 ट्रैफिक कर्मचारी हैं जबकि वहां पर 12 कर्मचारियों की आवश्यकता है। 

सोशल मीडिया पर एक्टिव हुए शहरी
सड़क हादसे में मयंक शर्मा की मौत के बाद शौक में डूबे शहरियों ने पुलिस एवं प्रशासन के विरुद्ध अपनी भड़ास सोशल मीडिया पर निकालनी शुरू कर दी है और अधिकतर लोगों ने वी वांट नो हैवी व्हीकल्ज इन पीक हॉवर्स इन फिरोजपुर की पोस्ट डालनी शुरू कर दी हैं और ये पोस्ट बड़ी संख्या में लाइक एवं शेयर हो रही हैं।

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!