अमृतसर (नीरज): वी.आई.पी. नंबरों के शौकीन लोगों को अब ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे, क्योंकि ट्रांसपोर्ट विभाग ने वी.आई.पी. नंबरों के रेट 3 से 5 गुणा बढ़ा दिए है, जिस कारण आने वाले दिनों में वी.आई.पी. नंबरों के शौकीन लोगों के लिए वी.आई.पी. नंबर लेना आसान नहीं होगा। जानकारी के अनुसार विभाग ने 0001 नंबर 5 लाख का कर दिया है और यह भी रिजर्व प्राइस है क्योंकि ई-आक्शन(बोली) के जरिए इन नंबरों की नीलामी होनी है ऐसे में यदि ऑक्शन 5 लाख से दस लाख या इससे भी ज्यादा तक चली जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि एक बार पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान 0001 नंबर 35 लाख तक में नीलाम हुआ था क्योंकि उस समय नीलामी में शामिल कुछ रसूखदार लोगों के लिए नीलामी में नंबर वन रहना मूछ का सवाल बन गया था और ऐसे लोगों के पास रुपये की भी कमी नहीं होती है यह सारी दुनिया जानती है। जानकारी के अनुसार सिर्फ 0001 ही नहीं बल्कि 0002 से लेकर 0009 और 0786 नंबर को भी 2 लाख रुपये तक रिजर्व प्राइस कर दिया गया है। इसी वीआईपी नंबरों की श्रेणी में 0010 से लेकर 0099, 0100, 0200, 0300, 0400, 0500, 0600, 0700, 0800, 00900, 1000, 0101, 0111, 0777, 0888, 0999, 1111, 7777, 1008, 0295,1313 नंबर का रिजर्व प्राइस सीधा 1 लाख रुपये तक कर दिया है।
वीआईपी नंबरों की चौथी श्रेणी भी 50 हजार में
अमृतसर: वैसे तो वीआईपी नंबरों की पहली श्रेणी में एक से लेकर 9 तक नंबर रहते हैं लेकिन कम पैसे खर्च करने वाले लोगों की चौथी श्रेणी के नंबरों को भी सीधा 50 हजार रुपये कर दिया गया है। इस चौथी श्रेणी में 2000, 3000,4000, 5000, 6000,7000, 8000, 9000, 0222,0333, 0444, 0555, 0666, 2222, 3333, 4444, 5555, 6666, 8888, 9999, 1234, 2345,3 456, 4567, 5678, 6789, 7890, 0108 जैसे नंबरों का रिजर्व प्राइस भी 50 हजार रुपया कर दिया है।
पांचवी श्रेणी भी कम से कम 20 हजार में
अमृतसर: फैंसी नंबरों की पांचवी श्रेणी जिसे आम मध्यम वर्ग की पहुंच कहा जाता है उसको भी कम से कम 20 हजार रुपये तक रिजर्व प्राइस कर दिया गया है। इन फैंसी नंबरों में 0123, 0234, 0345, 0456, 0567, 0678, 0789, 0110, 0121, 0151, 0202, 0220, 0303, 0323, 0330, 0404, 0440, 0505, 0525, 0550, 0575, 0606, 0660, 0707, 0770, 0808, 0880, 0909, 0990, 1100, 1200, 1300, 1400, 1500, 1600, 1700, 1800, 19002100,2200, 2300, 2400, 2500, 2600, 2700, 2800, 2900, 3100, 3200, 3300, 3400, 3500, 3600, 3700, 3800, 3900, 4100, 4200, 4300, 4400, 4500, 4600, 4700, 4800, 4900, 5100, 5200, 5300, 5400, 5500, 5600, 5700, 5800, 5900, 6100, 6200, 6300,6400, 6500, 6600, 6700, 6800, 6900, 7100, 7200, 7300, 7400, 7500, 7600,7700, 7800, 7900, 8100, 8200,8300, 8400, 8500, 8600, 8700,8800, 8900, 9100, 9200,9300, 9400, 9500, 9600, 9700,9800, 9900,1010, 1212, 1313,1414, 1515, 1616, 1717, 1818, 1919,2020,2121, 2323, 2424, 2525, 2626, 2727, 2828, 2929, 3030, 3131, 3232, 3434, 3535, 3636, 3737, 3838, 3939, 4040, 4141, 4242, 4343, 4545, 4646, 4747, 4848, 4949, 5050,5151, 5252, 5353, 5454, 5656, 5757, 5858, 5959, 6060, 6262, 6363, 6464, 6565, 6767, 6868, 6969, 7070, 7171, 7272, 7373, 7474, 7575, 7676, 7878, 7979, 8080, 8181, 8282, 8383, 8484, 8585, 8686, 8787, 8989, 9090, 9191, 9292, 9393, 9494, 9595, 9696, 9797, 9898, 1020, 2030, 3040, 4050, 5060, 6070, 7080, 8090 नंबरो का रिजर्व प्राइस 20 हजार रुपये कर दिया गया है जबकि यह नंबर पहले आसानी से मिल जाते थे।
फैंसी नंबरों की छेवीं श्रेणी 10 हजार में
विभाग की तरफ से फैंसी नंबरों की छेवीं श्रेणी को भी कम से कम 10 हजार रुपया रिजर्व प्राइस कर दिया गया है। इन नंबरों में 0102, 0203, 0304, 0405, 0506, 0607, 0708, 0809, 0910, 1011, 1112, 1213, 1314, 1415, 1516, 1617,1718, 1819, 1920, 2021, 2122, 2223, 2324, 2425, 2526, 2627, 2728, 2829, 2930, 3031, 3132, 3233, 3334, 3435, 3536, 3637, 3738, 3839,3940, 4041, 4142, 4243, 4344, 4445, 4546, 4647, 4748, 4849, 4950, 5051, 5152, 5253, 5354, 5455, 5556, 5657, 5758, 5859, 5960, 6061, 6162, 6263, 6364, 6465, 6566, 6667, 6768, 6869, 6970, 7071, 7172,7273, 6465, 6566, 6667, 6768, 6869, 6970, 7071, 7172, 7273, 7374, 7475, 7576, 7677, 7778, 7879, 7980, 8081, 8182, 8283, 8384, 8485, 8586, 8687, 8788, 8889, 8990, 9091, 9192, 9293, 9394, 9495, 9596, 9697, 9798, 9899, 0212, 0313, 0414, 0515, 0616, 0717, 0818 और 0919 को दस हजार रिजर्व प्राइस की श्रेणी में डाल दिया गया है।
अभी तक ई-ऑक्शन की शुरुआत नहीं
अमृतसर: वीआईपी नंबरों के इतने ज्यादा दाम बढ़ाने के बावजूद अभी तक ई-ऑक्शन की शुरुआत नहीं की गई है जबकि जिन लोगों ने नई कारें आदि खरीद रखी हैं वह वीआईपी या फिर फैंसी नंबर लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के धक्के खा रहे हैं।