Edited By Sonia Goswami,Updated: 12 Jun, 2018 09:12 AM
पंजाब में पर्यटन विभाग को पैरों पर खड़ा करने और अहम स्थानों को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ मीटिंग कर व्यापक और कारगर नक्शा बनाया।
चंडीगढ़ (ब्यूरो): पंजाब में पर्यटन विभाग को पैरों पर खड़ा करने और अहम स्थानों को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ मीटिंग कर व्यापक और कारगर नक्शा बनाया।
सिद्धू ने बताया कि राज्य के 30 स्थानों को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा जिस पर 590.97 करोड़ रुपए की लागत आएगी। अमृतसर पर्यटन केंद्रों का केंद्र होगा जहां 30 स्थानों से 11 स्थान इसके आस-पास हैं। सभी प्रोजैक्ट एक साल के अंदर मुकम्मल करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।
सिद्धू ने फंडों का विवरण देते हुए बताया कि 590.97 करोड़ में से 344 करोड़ एशियन डिवैल्पमैंट बैंक से कर्जे द्वारा लिए जा रहे हैं जिसकी स्वीकृति मिल गई है। इसके अलावा केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम द्वारा धार्मिक और ऐतिहासिक शहरों के विकास के लिए 96.97 करोड़ की स्वीकृति मिल गई है जिसे जारी करने का काम आखिरी पड़ाव पर है। इसी तरह अमृतसर शहर के लिए प्रसाद स्कीम के अंतर्गत 50 करोड़ खर्च किए जाएंगे। राज्य में मुगल काल से संबंधित ऐतिहासिक पर्यटन स्थानों को विकसित करने के लिए 100 करोड़ का प्रोजैक्ट ‘मुगल सर्कट’ अधीन बनाया गया है। इन प्रोजैक्टों की कुल लागत 590.97 करोड़ है और मुकम्मल होने के बाद ‘महाराजा सर्कट’ अधीन रियासती शहरों के लिए 100 करोड़ की अतिरिक्त प्रोजैक्ट रिपोर्ट बना कर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।
मीटिंग में अधिकारियों को कहा गया है कि सभी स्थानों का टूर प्रोग्राम बनाएं जिसमें खुद अधिकारियों और संबंधित कंसलटैंट पक्षों के साथ मिलकर दौरा करेंगे। पहले पड़ाव के तहत 15 जून से अमृतसर, कलानौर, हरीके पत्तन, कपूरथला, हुसैनीवाला का 4 दिवसीय दौरा किया जा रहा है। इस दौरान स्थानों को देखने के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी मीटिंग की जाएगी जिससे प्रोजैक्टों का काम सुचारू तरीकों के साथ चले।