Edited By Vatika,Updated: 11 Jan, 2019 10:16 AM
राज्य की मोतियों वाली कांग्रेस सरकार अपने उच्चाधिकारियों और मंत्रियों को खुश करने के लिए करोड़ों रुपए के सरकारी लग्जरी वाहन खरीदने के लिए उतावली है, परन्तु करोड़ों रुपए के ये वाहन खरीदने के बावजूद भी नायब तहसीलदार वाहनों से वंचित रह जाएंगे।
पटियाला/रखड़ा(राणा): राज्य की मोतियों वाली कांग्रेस सरकार अपने उच्चाधिकारियों और मंत्रियों को खुश करने के लिए करोड़ों रुपए के सरकारी लग्जरी वाहन खरीदने के लिए उतावली है, परन्तु करोड़ों रुपए के ये वाहन खरीदने के बावजूद भी नायब तहसीलदार वाहनों से वंचित रह जाएंगे।
सरकार के नायब तहसीलदारों के पास सरकारी ड्यूटी पर जाने के लिए सरकारी वाहन न होने के कारण एक-दूसरे विभागों से वाहन ले कर काम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि नायब तहसीलदार-कम-मैजिस्ट्रेट भी होता है। जहां उसे धरने, रैलियां, सड़क हादसे, तक्सीम केस, दुरुस्ती, गिरदावरी, निशानदेही, दीवानी अदालतों, गिरदावरी की जांच, चुनाव संबंधी समेत अन्य कई कार्यों के लिए सरकारी ड्यूटी दौरान मौके पर जाना पड़ता है और कई बार अपने निजी वाहन प्रयोग करने कारण मुसीबत का सामना भी करना पड़ जाता है।
जबकि तहसील स्तर पर अन्य अधिकारी भी होते हैं, जैसे कि बी.डी.पी.ओ., एस.एच.ओ., ई.ओ., सी.डी.पी.ओ. आदि भी होते हैं जिन सभी के पास सरकारी वाहनों का प्रबंध है, परंतु नायब तहसीलदार के पास सरकारी वाहन का प्रबंध न होना सरकार की बड़ी असफलता दिखाता है।