जिला खजाना दफ्तर में वैबसाइट बंद,करोड़ों के बिलों की अदायगियां रुकीं

Edited By swetha,Updated: 25 Jun, 2018 10:59 AM

offices in the district treasury offices crores of bills stopped

मौजूदा कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के अपने शहर में ही बने जिला खजाना दफ्तर की हालत बद से बदतर बनती जा रही है। सी.एम. सिटी के सरकारी बिलों की अदायगियां करने वाले खजाना दफ्तर की वैबसाइट पिछले एक हफ्ते से बंद पड़ी है। सरकारी...

पटियाला/रखड़ा (राणा): मौजूदा कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के अपने शहर में ही बने जिला खजाना दफ्तर की हालत बद से बदतर बनती जा रही है। सी.एम. सिटी के सरकारी बिलों की अदायगियां करने वाले खजाना दफ्तर की वैबसाइट पिछले एक हफ्ते से बंद पड़ी है। सरकारी खजाने में अलग-अलग विभागों  के करोड़ों रुपए की अदायगियों के बिल रुके पड़े हैं जिस कारण अदायगियां लेने वालों में हाहाकार मची हुई है परंतु सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

यदि मुख्यमंत्री के शहर के सरकारी खजाने की हालत यह है तो पंजाब के बाकी जिलों के खजाना दफ्तरों की स्थिति बारे अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार जिस व्यक्ति की ‘राजनीतिक पहुंच ऊपर’ तक है, की सिफारिशों के साथ बिल पास करके खजाने से अदायगियां की जा रही हैं और जिन व्यक्तियों की सिफारिशें नहीं हैं, के बिल पिछले लंबे समय से अधर में ही लटक रहे हैं।

हर घर को नौकरी व स्मार्ट फोन देने के वायदे भी हुए हवा
पंजाब में सरकार बनने से पहले कांग्रेस पार्टी की तरफ से राज्य के वोटरों को लुभाने के लिए हर घर नौकरी और नौजवानों को स्मार्ट फोन देने के वायदे किए गए थे, परंतु खजाने की खराब हालत को ध्यान में रखते हुए यह वायदे वफा होते नजर नहीं आ रहे हैं। जब सरकार में शामिल किसी मंत्री या अफसर के साथ बात की जाती है तो वह कहते हैं कि आप देखते जाओ सभी वायदे पूरे होंगे, परंतु कब इसका जवाब देने में टालमटोल कर जाते हैं जिससे स्पष्ट झलकता है कि यह वायदे हवा हो गए हैं।

गैर जरूरी पदों के बोझ के नीचे दबी सरकार
प्रदेश में सरकारी नौकरियों में तैनात मुलाजिम तय नौकरी की समयावधि पूरी करने के बाद भी सेवामुक्ति के समय में वृद्धि करवा कर प्रदेश सरकार को नुक्सान पहुंचा रहे हैं। जिक्र योग्य है कि तरक्की ले चुके अफसर फिर तरक्की की मांग संबंधी महकमा पर्सोनल के पास फाइलें भेज कर और राजनीतिक दबाव बना कर फिर से तरक्की ले रहे हैं, जो प्रदेश की आर्थिक स्थिति के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं जबकि सरकार को अनावश्यक पदों को खत्म करके खजाने पर अतिरिक्त बोझ को  खत्म करना चाहिए और नौजवानों को रोजगार के मौके मिलने चाहिएं।

प्रदेश का हर व्यक्ति आज भी 38000 रुपए के कर्जे की जकड़ में
माहिरों के मुताबिक आर.बी.आई. रिपोर्ट के अनुसार हर व्यक्ति आज भी 38000 रुपए से अधिक रकम का ऋणी है। ऐसे में सरकार को इस ओर विशेष तौर पर ध्यान देने की जरूरत है। 

तथाकथित वी.आई.पी. के गनमैन भी खजाने पर भार
प्रदेश में ऐसे बहुत से तथाकथित वी.आई.पी. हैं जिनकी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में कोई भी योगदान नहीं है, परंतु पंजाब सरकार ने इनमें प्रति व्यक्ति को 2 से लेकर दर्जन भर तक गनमैन दिए हुए हैं, जोकि सरकार के खजाने पर भार साबित हो रहे हैं। दूसरी तरफ आम लोगों की सुरक्षा के लिए थाने और चौकियों में मुलाजिमों की कमी चुभ रही है और असामाजिक तत्व दिन-दिहाड़े वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

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