पटियाला से उड़ान भर विश्वभर में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का संदेश देने निकली 2 पायलट सहेलियां

Edited By pooja,Updated: 30 Jul, 2018 12:54 PM

2 pilot friends who went to deliver messages of  beti bachao beti teacho

जिस उम्र में बच्चे ठीक से चलना भी नहीं सीख पाते उस उम्र में उडऩे का सपना बुन लिया था आरोही पंडित ने। उसके इस सपने को पंख दिए उसके परिवार ने।

पटियाला : जिस उम्र में बच्चे ठीक से चलना भी नहीं सीख पाते उस उम्र में उडऩे का सपना बुन लिया था आरोही पंडित ने। उसके इस सपने को पंख दिए उसके परिवार ने। जिन्होंने उसे हर वह मौका उपलब्ध करवाया जो उसे आकाश की उड़ान के लिए तैयार करता चला गया और वह बन गई थी पायलट। 

ऐसे शुरू हुआ उस लड़की का सफर जो आज विश्वभर को संदेश देने के लिए 90 दिन की विश्व भर की उड़ान पर पटियाला से रवाना हुई है अपनी सहेली कीथर के साथ। मिशन है पूरी दुनिया को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का संदेश देना। मुम्बई निवासी इन दोनों सहेलियों का कहना है कि उन्हें विश्व भर में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का संदेश देने का मौका मिला है। इनका यह मिशन 90 दिन तक चलेगा। हालांकि यह मौसम पर भी निर्भर रहेगा। मिशन की कमान आरोही पंडित संभालेगी। इस दौरान उसके साथ कीथर मिसविक्टा भी रहेगी। यात्रा के दौरान भारतीय दूतावासों के जरिए इन्हें मदद भी दी जाएगी। इस मिशन के तहत वे 23 देशों से होकर गुजरेंगी। इस दौरान वे कुल 40,000 किलोमीटर की यात्रा तय करेंगी।

दोनों जांबाज बेटियों के पास है 40 घंटे उड़ान भरने का अनुभव 
विमान के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि जिस विमान में वे उड़ान भरेंगी उसका नाम माही है और वो स्लोवेनिया में निर्मित हुआ है। विमान में 80 हॉर्स पावर का इंजन लगा हुआ है। साथ में बैलिस्टिक पैराशूट भी दिए गए हैं। आपात स्थिति में इन पैराशूटों के सहारे विमान को सुरक्षित उतारा जा सकता है। विमान की अधिकतम गति 215 किलोमीटर प्रतिघंटा है। हालांकि यह विमान एक दिन में 4 घंटे ही उडऩे में सक्षम है। इस पूरे मिशन को सरकार की मदद भी मिल रही है। मुहिम में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सहयोग कर रहा है। यात्रा के दौरान सभी देशों में स्थित भारतीय दूतावासों के जरिए भी सहयोग दिया जाएगा। दोनों जांबाज बेटियों के पास इस विमान पर 40 घंटे उड़ान भरने का अनुभव है और वे यात्रा के दौरान पांच हजार फुट की ऊंचाई पर होंगी। यह पूरा सफर 23 देशों और 3 महाद्वीप का होगा। 20 साल की आरोही और 24 साल की कीथर का कहना है कि इस यात्रा से वे बेटियों को एविएशन क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। कीथर ने बताया कि से हालांकि शुरू में काफी डर लगता था लेकिन धीरे-धीरे उसका डर कम होने लगा और आत्मविश्वास बढ़ता चला गया। उसने उम्मीद जताई कि यह मिशन अच्छे से सफल होगा और पूरे विश्व में लड़कियों और भारत के लिए सम्मान बढ़ेगा।

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