13 साल बाद शहर में फिर बन गई कबाड़ मार्कीट

Edited By swetha,Updated: 20 Jun, 2018 10:01 AM

13 years later the city became a junk market

मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली 2002 से 2007 तक वाली सरकार के समय शहर को कबाड़ी मार्कीट से निजात दिलाने के लिए सरकार और नगर निगम ने बहेड़ा रोड स्थित कबाड़ी मार्कीट को राजपुरा रोड पर थाना सदर के पास शिफ्ट कर दिया था, जिसके बाद शहर के...

पटियाला(राजेश) : मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली 2002 से 2007 तक वाली सरकार के समय शहर को कबाड़ी मार्कीट से निजात दिलाने के लिए सरकार और नगर निगम ने बहेड़ा रोड स्थित कबाड़ी मार्कीट को राजपुरा रोड पर थाना सदर के पास शिफ्ट कर दिया था, जिसके बाद शहर के लोगों को बड़ी राहत मिली थी। इस कबाड़ी मार्कीट के कारण शहर निवासियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था।

इस मार्कीट को यहां से शिफ्ट करने की लोगों की बड़ी मांग थी जो उस समय सरकार ने पूरी की थी परंतु जिस जगह से कबाड़ी मार्कीट शिफ्ट की गई थी वहां फिर से 13 साल बाद कबाड़ी मार्कीट बननी शुरू हो गई है। इस कारण इस इलाके में रहने वाले लोगों की समस्या फिर से शुरू हो गई है। इस इलाके के लोगों ने मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह और पूर्व विदेश राज्य मंत्री परनीत कौर से मांग की है कि इस कबाड़ी मार्कीट को बंद करवाया जाए।

ट्रस्ट की तरफ से बनाई गई थी कमर्शियल स्कीम
इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने पुरानी कबाड़ी मार्कीट की जमीन पर कर्मशियल स्कीम बनाई थी। पूरी मार्कीट को खाली करके बड़ी पार्किंग बना कर उसके आसपास दुकानों की साइटें रखी गई थीं जिससे खुली नीलामी के द्वारा इनको बेचा जा सके। इस दौरान प्रापर्टी के कारोबार में मंदी आने के कारण इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट यह कमशर््िायल स्कीम नहीं बेच सका। जगह खाली पड़ी होने के कारण अब इस कारोबार के साथ संबंधित कुछ लोगों ने फिर से यहां काम शुरू कर दिया है। इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की कर्मशियल जमीन का इस्तेमाल प्राइवेट लोगों की तरफ से किया जा रहा है, जिससे वे पैसे भी कमा रहे हैं परंतु ट्रस्ट को  कुछ भी नहीं मिल रहा।

नगर निगम नोटीफिकेशन जारी करके बैन कर चुका है कबाड़ का काम
साल 2005-06 दौरान उस समय के नगर निगम कमिश्नर स्व. एस.के. आहलूवालिया के कार्यकाल के समय यह मार्कीट यहां से शिफ्ट की गई थी। उस समय कमिश्नर एस.के. आहलूवालिया ने 
निगम की तरफ से नोटीफिकेशन जारी कर दिया था कि इन इलाकों में कबाड़ का काम बिल्कुल बैन है। यह नोटीफिकेशन जारी होने के बावजूद अब फिर से यहां कबाड़ का काम हो रहा है जोकि गैर कानूनी है।

अवैध कारोबार रोकने की जिम्मेदारी निगम और ट्रस्ट की सांझी
लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ न हो, इसी कारण सरकार ने यह मार्कीट यहां से शिफ्ट की थी क्योंकि कबाड़ के काम के कारण इस मार्कीट के आसपास के मकानों वालों को काफी समस्या होती थी और शहर में ट्रैफिक की बड़ी समस्या थी। सरकार ने करोड़ों रुपए का लाभ देकर दुकानदारों को शहर से बाहर दुकानें दे दीं परंतु खाली हुई जगह पर फिर से कब्जे हो गए और वहां अवैध कारोबार होने लग पड़ा है। इस जगह को खाली करवाने और यह अवैध कारोबार रोकने की जिम्मेदारी नगर निगम और इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की सांझी बनती है परंतु दोनों विभाग अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे।

पुरानी कबाड़ी मार्कीट में कबाड़ का काम नहीं होने दिया जाएगा : मेयर
नगर निगम का मुख्य काम शाही शहर पटियाला को पंजाब का सबसे सुंदर शहर बनाना है। शहर की ब्यूटीफिकेशन के लिए बड़े स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। पुरानी कबाड़ी मार्कीट में किसी भी हालत में कबाड़ का काम नहीं होने दिया जाएगा। मैं जल्दी ही इसके खिलाफ कार्रवाई करवाऊंगा। जब नगर निगम का नोटीफिकेशन लागू है तो किसी भी हालत में यहां कबाड़ का काम नहीं हो सकता।

खाली हुई मार्कीट का मालिक है इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट
2002 की सरकार के समय जब नगर निगम और इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने यह मार्कीट यहां से शिफ्ट की थी तो ट्रस्ट की तरफ से कबाड़ का काम करने वाले दुकानदारों के लिए राजपुरा रोड थाना सदर के पास नई मार्कीट बना कर दी गई थी। इस मार्कीट का नाम ट्रैक्टर मार्कीट रखा गया था।सरकार ने करोड़ों रुपए की जमीन बहुत ही कम रेटों पर इन दुकानदारों को दी थी, जिसके बाद नई मार्कीट बस गई और पूरा कारोबार वहां शिफ्ट हो गया। नई मार्कीट का निर्माण क्योंकि इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने किया था, इसलिए खाली हुई जगह की मालिकी इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट को दे दी गई थी। लिहाजा इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट इस जमीन का मालिक बन गया है।

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