जिले में डेंगू के 20 नए मरीज डिटैक्ट

Edited By swetha,Updated: 09 Nov, 2019 10:47 AM

dengue patient

शहर में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू मच्छरों की पैदाइश रोकने संबंधी लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए लगातार विभाग की टीम की ओर से शहर के विभिन्न मोहल्लों व घरों में डेंगू डिटैक्ट मुहिम चलाई जा...

नवांशहर(त्रिपाठी, मनोरंजन): शहर में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू मच्छरों की पैदाइश रोकने संबंधी लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए लगातार विभाग की टीम की ओर से शहर के विभिन्न मोहल्लों व घरों में डेंगू डिटैक्ट मुहिम चलाई जा रही है। जिला एपिडिमोलॉजिस्ट डा. जगदीप ने बताया कि वीरवार को जिले में 20 नए डेंगू पॉजीटिव मामलों की पुष्टि हुई है जिसमें नवांशहर व राहों में 4-4, बलाचौर में 1 और मुजफ्फरपुर ब्लॉक में 11 मरीज डिटैक्ट किए गए हैं। अब तक इस वर्ष कुल 275 डेंगू मरीज पॉजीटिव पाए गए हैं जिनमें नवांशहर में सबसे अधिक 90, राहों में 55, मुजफ्फरपुर ब्लॉक व बलाचौर में 40-40 मरीज डिटैक्ट हुए हैं। पिछले वर्ष जिले में कुल 625 मरीज डेंगू के रजिस्टर्ड किए गए थे।सि

विल सर्जन डा. रजिन्द्र प्रसाद भाटिया के दिशा-निर्देश और जिला एपिडिमोलॉजिस्ट डा. जगदीप व सीनियर मैडीकल अधिकारी डा. हरविन्द्र सिंह की देखरेख में आज स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गढ़शंकर रोड और बाबा श्रीचंद गुरुद्वारा साहिब के नजदीक स्थित विभिन्न गलियों का दौरा कर लोगों को शुक्रवार का दिन ड्राई-डे के तौर पर मनाने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान उन्होंने लोगों में पम्फलैंट वितरित कर डेंगू मच्छरों की पैदाइश को रोकने और इस बीमारी से बचाव संबंधी जानकारियां मुहैया करवाईं।स्वास्थ्य विभाग की टीम के सदस्य सुरिन्द्र बांसल ने बताया कि डेंगू बुखार एडीज एजिप्टी नामक मच्छर के काटने से फैलता है। इस मच्छर की पैदाइश साफ जमा पानी के स्रोतों में होती है और यह मच्छर दिन के समय काटता है। इसकी पैदाइश के लिए करीब 5 एम.एस. पानी भी पर्याप्त है। इसलिए कूलर, गमले, फ्रिज की ट्रे तथा अन्य पानी वाले वर्तनों को प्रत्येक सप्ताह शुक्रवार को साफ कर सुखाकर रखा जाए। टीम में लखवीर भट्टी, पमरजीत आदि मौजूद थे।

आमतौर पर 1 सप्ताह में होती है रिकवरी
डा. जगदीप ने बताया कि डेंगू से पीड़ित मरीजों की रिकवरी उसकी हालत पर निर्भर करती है। अमूमन डेंगू फीवर 1 सप्ताह में उतर जाता है जबकि मरीज को कमजोरी कुछ अधिक दिनों तक बनी रहती है। मरीज का अस्पताल में एडमिट होने जरूरी नहीं है। उसका उपचार ओ.पी.डी. से ही किया जाता है। हालांकि जिला अस्पताल में अलग से डेंगू वार्ड बनाया गया है।

क्या हैं लक्षण और बचाव
तेज बुखार, सिर दर्द, मांस पेशियों में दर्द, जी का कच्चा होना, उल्टियां, स्किन पर दाने, थकावट महसूस होना, रक्त बहना तथा आंखों के पिछले हिस्से में दर्द आदि इसके लक्षण हो सकते हैं तथा ऐसे लक्षण मिलने पर तुरन्त नजदीक के सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए जहां डेंगू बुखार का टैस्ट तथा उपचार पूरी तरह से नि:शुल्क है। कूलरों, गमलों और अन्य पानी वाले बर्तनों को सप्ताह के 1 बार साफ करके, घर की छतों पर रखी पानी की टंकी के ढक्कन को अच्छी तरह से बंद करके, टूटे बर्तनों, ड्रम, टायर आदि को खुले में न रखकर और पूरी बाजू के कपड़े पहन कर डेंगू से बचाव किया जा सकता है।

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