Edited By Updated: 09 May, 2017 08:03 PM
आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान के पंजाब में प्रधान बनाने के साथ ही ...
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान के पंजाब में प्रधान बनाने के साथ ही बड़ी चुनौतियां भी खड़ी हो गई है। भगवंत मान के प्रधान बनने के बाद पार्टी में हाइवोल्टज ड्रामा शुरू हो गया है। इस बात से नाराज विधानसभा में चीफ व्हिप और प्रवक्ता सुखपाल सिंह खैहरा ने दोनों जिम्मेदारियां से इस्तीफा दे दिया है।
आप समर्थक एनआरआई को मनाना
भगवंत मान के प्रधान बनाने के बाद आप समर्थक एन.आर.आइज भी 2 धड़ों में बंटते नजर आ रहे हैं जिनमें से एक धड़ा भगवंत मान का समर्थक और दूसरा उसकी खिलाफत में खड़ा नजर आ रहा है। आप को मिल रहे फंड में एक बड़ा हिस्सा विदेश में बस रहे पंजाबियों का है। ऐसे में भगवंत के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी को खिलाफत कर रहे एनआरआई को अपने पक्ष में करना।
पार्टी में फूट
भगवंत के संयोजक का पद संभालने के बाद पार्टी में फूट पड़ गई है। आप से नाराज धड़े में पार्टी के सीनियर लीडर सुखपाल सिंह खैहरा और एचएस फूलका, कंवर संधू शामिल हैं। पूर्व कन्वीर गुरप्रीत घुग्गी के नाराज हो जाने के बाद ऐसे में पार्टी में सबको एक साथ रखना भगवंत मान के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होने वाला।
कफन में अंतिम कील साबित ना हो जाए बड़ी जिम्मेदारी
पंजाब नगर निगम चुनाव से पहले आप में मचे कलह के बीच भगवंत मान को मिली बड़ी जिम्मेदारी उनकी राजनीतिक करियर में कफन पर अंतिम कील का काम कर सकती है क्योंकि दिल्ली में मिली हार के बाद पंजाब में भी आप के लिए जीतना किसी चमत्कार से कम नहीं है। नगर निगम के साथ गुरदासपुर लोकसभा उप चुनाव भी हो सकते हैं अगर बात करें लोकसभा उपचुनाव की तो ये सीट पारंपरिक तौर पर हिंदू बहल वाली ये सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। क्योंकि छोटेपुर भी इसी क्षेत्र से संबंधित हैं ऐसे में भगवंत मान साइड इफैक्ट यहां भी देखने को मिल सकता है। छोटेपुर भगवंत मान के पहले सियासी इंतहान सियासी रंजिश निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।