Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 02:17 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने केंद्र से नशों के विभिन्न मामलों में भगोड़े घोषित किए गए 10 प्रवासी भारतीयों की सुपुर्दगी का मसला कनाडा सरकार के सामने उठाने की मांग की है।
चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने केंद्र से नशों के विभिन्न मामलों में भगोड़े घोषित किए गए 10 प्रवासी भारतीयों की सुपुर्दगी का मसला कनाडा सरकार के सामने उठाने की मांग की है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विदेशी मामलों संबंधी मंत्री सुषमा स्वराज को लिखे विभिन्न पत्रों में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मामलों में सुपुर्दगी की प्रक्रिया पिछले 3-4 सालों से अटकी हुई है। सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार ने नशों के विरुद्ध शुरु की हुई जंग की श्रृंखला के तौर पर कनाडा से इन लोगों की सुपुर्दगी के लिए कोशिशें की थी लेकिन, कई रुकावटों के चलते ऐसा नहीं हो पाया है।
सी.एम. ने कहा कि नशे के काले कारोबार के नैटवर्क को तोड़ने के लिए इन प्रवासी भारतीयों को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। अब जानिए कुछ भगोड़ों को, जो नशे का कारोबार कर धड़ल्ले से दूसरे देशों में खुलेआम घूम रहे हैं।
1.पत्र में बताया गया कि बैंकूवर में रह रहा सरबजीत सिंह संधड़ उर्फ निक्क पुत्र स्व.अजायब सिंह निवासी गांव बालियों थाना समराला 19 अक्तूबर 2013 को भगोड़ा घोषित किया गया था। उसकी सुपुर्दगी के लिए कनाडा से संपर्क किया गया था। इसके बाद उनकी तरफ से भेजे गए पत्र के बाद नए सिरे से पत्र तैयार किया गया। संशोधित पत्र केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया गया, जो 20 जुलाई को केंद्रीय विदेश मंत्रालय को भी भेजा गया था।
2.ऐसे ही एक अन्य केस की मिलती- जुलती स्थिति है जिसमें रणजीत सिंह औजला पुत्र स्वर्ण सिंह औजला निवासी गाँव मुठड्डा कलाँ, थाना फिल्लौर, जिला जालंधर शामिल है। इसकी सुपुर्दगी का पत्र भी 25 जुलाई, 2017 से अटका पड़ा है। उसे भी 31 अगस्त 2013 में भगोड़ा घोषित किया गया था।
3.एक अन्य केस में निरंकार सिंह ढिल्लों पुत्र जगदीश सिंह निवासी गांव अपरा मंडी, थाना फिल्लौर, जिला जालंधर को 19 अक्तूबर 2013 को भगोड़ा घोषित किया गया और इस समय पर कनाडा के लीटकैंचर सर्कल बरैंपटन में रह रहा है। इसकी सपुदर्गी 19 सितंबर से लंबित है।
4.इसी तरह गुरसेवक सिंह ढिल्लो पुत्र कुलवंत सिंह निवासी लीला मेघ सिंह, थाना जगरावां, कनाडा के सरी में रह रहा है, जिसको 1 अप्रैल 2014 को भगोड़ा घोषित किया गया। इसकी सपुदर्गी के लिए पत्र केंद्रीय ग्रह मंत्रालय द्वारा 20 जुलाई 2017 को केंद्रीय विदेश मंत्रालय को भेजा गया लेकिन उस समय से ले कर इस संबंधी कोई कार्रवाई नहीं हुई। गुरसेवक सिंह ढिल्लो के खिलाफ थाना जगरावां में भी केस दर्ज है, जिसकी सपुदर्गी अटकी पड़ी है।
5.इसी तरह 31 अगस्त, 2013 को भगोड़ा घोषित किया गए अमरजीत सिंह कूनर पुत्र सरूप सिंह निवासी महमदपुर, थाना आदमपुर, जिला जालंधर इस समय पर वैंकूवर में रह रहा है जबकि लमेर सिंह दलेह पुत्र बलिहाल सिंह दलेह निवासी गाँव महिसमपुर, थाना फिल्लौर, जिला जालंधर इस समय पर ब्रिटिश कोलंबिया में रह रहा है और उसकी सपुदर्गी संबंधी प्रक्रिया लटकी हुई है।
6. लंबित पड़े सपुदर्गी के अन्य मामले में प्रदीप सिंह धालीवाल पुत्र बग्गा सिंह निवासी लीला मेघ सिंह, थाना जगरावां, अमरिंदर सिंह छीना उर्फ लाडी पुत्र कुलदीप सिंह छीना निवासी झंजोटी, थाना राजासांसी, जिला अमृतसर और परमिन्दर सिंह दो उर्फ पिन्दी अंकल पुत्र प्रीतम सिंह निवासी गांव खरौड़ी, थाना माहलपुर, जिला होशियारपुर से संबंधित हैं। रणजीत कौर काहलों पत्नी अनूप सिंह काहलों उर्फ रूबी काहलों निवासी जंडू सिंह, थाना मकसूदें, जिला जालंधर, मौजूदा पता निवासी मकान नंबर -7, शिवालिक विहार ज़ीरकपुर के साथ संबंधित है और उसने नशों के धंधो के पैसो के साथ जालंधर और ज़ीरकपुर में अपने पति के नाम पर कई जायदादें खरीदीं।