Edited By Updated: 26 Jun, 2016 07:14 PM
लुधियाना को पंजाब की औद्योगिक राजधानी कहा जाता है, लेकिन इसके बावजूद बिजली समेत लोगों को बुनियादी...
लुधियाना(सलूजा): लुधियाना को पंजाब की औद्योगिक राजधानी कहा जाता है, लेकिन इसके बावजूद बिजली समेत लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। यदि हम इन असुविधाओं की वजह की बात करें तो इसमें पावरकॉम का नाम पहले नंबर पर आता है। चाहे पावरकॉम का मतलब एक शक्तिशाली संस्था के रूप में लिया जाता है, लेकिन इस समय पावर सप्लाई देने के साथ ही जनता को बनती सेवाएं प्रदान करने के मामले में शक्तिविहीन बन चुका है। इस कहर की गर्मी के मौसम में लुधियाना निवासियों के पसीने छूटने लगे हैं। उद्योग व व्यापार भी प्रभावित होने लगा है।
पीने वाले पानी का पैदा होने लगा संकट
बिना किसी सूचना के लग रहे पावर कटों के कारण नगरी के अलग-अलग इलाकों में पीने वाले पानी का भी संकट पैदा होने लगा है। कई बार तो हालात ऐसे भी पैदा हो जाते हैं कि लोगों को पीने वाले पानी की बूंद-बूंद को तरसना पड़ता है। इसी मुद्दे को लेकर लोगों द्वारा पावरकॉम के खिलाफ रोष प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
मौजूदा पावर सप्लाई सिस्टम नहीं उठा पा रहा लोड
मिली जानकारी के अनुसार जिस तेजी से पिछले कुछ वर्षों के दौरान आबादी बढ़ी, उसके मुताबिक पावर सप्लाई सिस्टम अपग्रेड नहीं हो पाया। गर्मी के मौसम में बिजली का लोड एक दम से बढ़ जाता है, जिससे पावरकॉम के ट्रांसफार्मर व बिजली लाइनें ट्रिप कर जाते हैं तथा बिजली गुल हो जाती है।
हीट अप होने से पावर सब स्टेशनों को लग जाती है आग
गर्मी के कहर के साथ ही बिजली की मांग बढऩे से ओवर लोडिड पावर सब स्टेशनों में स्थापति पावर ट्रांसफार्मर इस हद तक हीट अप हो जाते हैं कि आग तक लग जाती है। हीट अप होने की वजह से ही केबल बक्से फट जाते हैं। इसकी मिसाल स्थानीय किशोर रोड पर स्थित पावरकॉम का एक सब स्टेशन है, जिसमें कुछ महीनों के दौरान ही कई बार आग लग जाने से विभाग का लाखों का नुक्सान हो चुका है। ललतों कलां में स्थापित पावर ट्रांसको के पावर स्टेशन में भी ट्रांसफार्मरों को हीट अप होने के कारण आग लग चुकी है।
एल. एंड टी. व पावरकॉम में तालमेल की कमी
पावर सप्लाई सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए नगर में एल. एंड टी. कंपनी द्वारा काम किया जा रहा है। लेकिन इस कंपनी के अधिकारियों व पावरकॉम के अधिकारियों के बीच आपसी तालमेल की भारी कमी देखने को मिल रही है। मिसाल के तौर पर बिजली लाइनों की मुरम्मत के लिए शट डाऊन का परमिट सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक का लिया होता है, लेकिन बिजली सप्लाई रात तक भी बहाल नहीं हो पाती।
उसने 5-5-2009 को एक लड़के को जन्म दिया। उसके बावजूद ससुराल पक्ष की ज्यादतियों में कोई कमी नहीं आई और वे निरन्तर उसे पीटते रहे। मामले को सुलझाने को लेकर कई बार गण्यमान्य व्यक्तियों ने उन्हें समझाते हुए फिर से उसे ससुराल भेजा लेकिन कुछ दिनों बाद वह फिर से मारपीट पर उतर आते। हिमाचल प्रदेश पुलिस को भी शिकायत की गई जहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच कथित आरोपियों ने परिवार के अन्य लोगों के साथ मिलकर उस पर और जुल्म ढाने शुरू कर दिए और उसे पीटने के उपरांत घर से भी निकाल दिया जिस संबंधी एक शिकायत खन्ना पुलिस को दी गई जिन्होंने कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया।
क्या कहते हैं पावरकॉम के उच्चाधिकारी
पावरकॉम के उच्चाधिकारियों का यह कहना है कि बिजली विभाग में पिछले कई वर्षों से ही एक भी नई भर्ती नहीं हुई, जबकि काम कई गुणा बढ़ चुका है। स्टाफ कम होने के बावजूद हर वर्ग तक बिजली सप्लाई पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी कोशिश की जाती है कि बिजली गुल का निपटारा भी एक निश्चत समय के दौरान ही हो। यहां तक बिजली चोरी विरोधी मुहिम का सवाल है, उसमें किसी भी स्तर पर किसी का कोई लिहाज नहीं किया जाता। इस समय बिजली की कोई कमी नहीं है। जहां पर भी पावर सप्लाई प्रोजैक्ट के अधीन काम चल रहा है, वहां पर कुछ समय के लिए बकायदा शट डाऊन लेकर बिजली सप्लाई को बंद किया जाता है।