Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 02:48 PM
सुफियां चौक फैक्टरी हादसे को एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद जिला प्रशासन ने आखिर उन 3 फायर ब्रिगेड कर्मियों को डैड डिक्लेयर कर दिया है जिनके आग व मलबे के बीच फंस जाने के कारण कोई अवशेष भी नहीं मिल पाए हैं। यहां बताना उचित होगा कि 20 नवम्बर को...
लुधियाना(हितेश): सुफियां चौक फैक्टरी हादसे को एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद जिला प्रशासन ने आखिर उन 3 फायर ब्रिगेड कर्मियों को डैड डिक्लेयर कर दिया है जिनके आग व मलबे के बीच फंस जाने के कारण कोई अवशेष भी नहीं मिल पाए हैं। यहां बताना उचित होगा कि 20 नवम्बर को प्लास्टिक फैक्टरी में आगजनी की घटना के दौरान धमाके के बाद 5 मंजिला बिल्डिंग मलबे के ढेर में तबदील हो गई थी।
जिस कारण वहां बचाव कार्यों में लगे लोग बीच में ही फंसकर रह गए थे। इनमें से 2 को ही जिंदा बाहर निकाला जा सका। जबकि भावाधस नेता लक्ष्मण द्रविड़, फायर ब्रिगेड कर्मियों सहित 13 लोगों के शव बरामद हुए। लेकिन वहां ड्यूटी पर लगे हुए 3 फायर ब्रिगेड कर्मियों मनोहर लाल, सुखदेव सिंह व मनप्रीत सिंह का कुछ पता नहीं चला। जिनकी तलाश में एक हफ्ते तक मलबा हटाने का अभियान चलाया गया। इसके बावजूद कोई अवशेष नहीं मिले तो डी.सी., पुलिस व निगम कमिश्नर ने मौके पर जाकर उन मुलाजिमों को लापता करार दे दिया गया। लेकिन डैड डिक्लेयर करके डैथ सर्टीफिकेट न मिलने के कारण उन मुलाजिमों के परिवारों को सर्विस ड्यूज सहित सरकार द्वारा घोषित मुआवजा व नौकरी मिलने पर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई, क्योंकि अनट्रेस व्यक्ति को डैड डिक्लेयर करने की सालों लंबी कानूनी प्रक्रिया है।
इसके मद्देनजर पहले पुलिस ने उन मुलाजिमों को ड्यूटी पर भेजने वाले अफसरों, मौके पर साथ काम करने वाले मुलाजिमों व परिवार के बयानों के आधार पर अनट्रेस डिक्लेयर किया और फिर एस.डी.एम. अमरजीत सिंह बैंस को रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया। जिनके द्वारा डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटार्नी से ली गई कानूनी राय के आधार पर हुई कमेटी की मीटिंग में तीनों मुलाजिमों को डैड डिक्लेयर कर दिया गया। इस रिपोर्ट के आधार पर निगम द्वारा डैथ सर्टीफिकेट जारी किए जा सकते हैं।