फिर दागदार हुई खाकी: कत्ल केस में बरी करवाने का झांसा देकर हवलदार ने ठगे 1.80 लाख

Edited By Vatika,Updated: 16 Oct, 2019 03:42 PM

fraud case

धोखाधड़ी के एक मामले में खाकी एक बार फिर दागदार हुई है। कत्ल केस में बरी करवाने का झांसा देकर पंजाब पुलिस के एक हवलदार ने एक शख्स से 1.80 लाख रुपए ठग लिए।

लुधियाना (महेश): धोखाधड़ी के एक मामले में खाकी एक बार फिर दागदार हुई है। कत्ल केस में बरी करवाने का झांसा देकर पंजाब पुलिस के एक हवलदार ने एक शख्स से 1.80 लाख रुपए ठग लिए। मामला जब ऑला अधिकारियों तक पहुंचा तो पुलिस तत्काल हरकत में आई और आरोपी कुलदीप सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है। यह मामला राहों रोड अटल नगर के जगदीश लाल की शिकायत पर दर्ज किया गया है। 

जगदीश ने बताया कि उसके बेटे करण कुमार के खिलाफ वर्ष 2015 मेंं सलेम टाबरी थाने में कत्ल का केस दर्ज हुआ था। तब उसका बेटा नाबालिग था, जिसके चलते उसका केस जूविनायल कोर्ट में भेज दिया गया, लेकिन अब केस की सुनवाई सैशन कोर्ट में चल रही है। उसका आरोप है कि जब केस जुविनायल कोर्ट में चल रहा था तो उसके उस्ताद शिव कुमार के माध्यम से हवलदार कुलदीप सिंह से उसकी मुलाकात हुई, जिसने उसे झांसा दिया कि उसके जुविनायल कोर्ट के न्यायधीश से सीधे संपर्क है। अगर वह 2.50 लाख देने के लिए तैयार है तो वह उसके बेटे को कत्ल केस से बरी करवाने की बात उनसे करेगा। इस पर जब उसने कहा कि वह गरीब आदमी है। वह इतनी बड़ी रकम का इतनी जल्दी बंदोबस्त नहीं कर सकता तो आरोपी ने उसे आश्वासन दिया कि वह 3-4 किश्तों में यह रकम अदा कर दे। आरोपी के झांसे में आकर उसने अलग-अगल तरीखों को 1.80 लाख रुपए दे दिए। यह सारी रकम उसने शिव कुमार की मौजूदगी में दी। 

इसके बाद आरोपी ने उससे बाकी के 70,000 रुपए मांगने शुरू कर दिए, जिस पर उसने उसे आश्वासन दिया कि जब केस बरी होने के नजदीक पहुंच जाएगा तो वह तुरंत बाकी की रकम का इंतजाम करके उसे दे देगा। उस वक्त उसका बेटा जमानत पर था और केस की सभी गवाहियां होनी बाकी थी। 5 दिसम्बर 2018 को अदालत ने उसकी जमानत रद्द कर दी, उसे जेल भेज दिया और केस को जुविनायल से सेशन कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। इस संंबंध में जब उसने कुलदीप सिंह से बात की। पहले तो वह टालमटोल करता रहा, परंतु बाद में उसे धमकाने लगा कि वह जो करना चाहता है करे लें। वह उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इस पर उसने पुलिस कमिश्नर के समक्ष पेश होकर इसकी शिकायत की। जांच अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त क्राइम ब्रांच को मार्क की गई, जिस पर कुलदीप ने उसके साथ समझौता कर लिया। 
एक लाख रुपए उसने नकद में दे दिया, जबकि 20,000-20,000 के 4 चैक काटकर उसे दे दिए और उसे भरोसा दिलवाया कि सभी चैक पास होंगे। इस दौरान आरोपी ने उसके हस्ताक्षर करवाकर शिकायत दफ्तर दाखिल करवा ली, लेकिन जब उसने पहला चैक लगाया तो वह बिना भुगतान के वापस आया, जिस पर वह फिर शिकायत लेकर ऑला अधिकारियों के पास पेश हुआ। इस बार पुलिस ने सीधा उस पर केस ठोक दिया। 

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