Edited By Vatika,Updated: 16 Oct, 2019 04:47 PM
पंजाब रोडवेज पनबस लुधियाना की चल रही किलोमीटर स्कीम की कुछ बसों को ग्रहण लग गया है क्योंकि इन बसों का 5 साल का एग्रीमेंट पूरा होने के बाद उनकी समयावधि बढ़ा दी गई है।
लुधियाना(मोहिनी): पंजाब रोडवेज पनबस लुधियाना की चल रही किलोमीटर स्कीम की कुछ बसों को ग्रहण लग गया है क्योंकि इन बसों का 5 साल का एग्रीमेंट पूरा होने के बाद उनकी समयावधि बढ़ा दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि यह बसें फायदे मेें चलते हुए सरकारी राजस्व में बढ़ौतरी कर रही थीं।
गौरतलब है कि किलोमीटर स्कीम के तहत चलने वाली बस के मालिक को लगभग 7 रुपए प्रति किलोमीटर और 15 रुपए प्रति किलोमीटर डीजल खर्च मिल रहा था और परमिट टैक्स एवं टोल टैक्स देने के बावजूद एक बस का 30 रुपए प्रति किलोमीटर खर्च पड़ रहा है जबकि इसके मुकाबले बस की आमदन लगभग 20-25 रुपए प्रति किलोमीटर आ रही है। इससे साफ जाहिर हो जाता है कि सरकार किलोमीटर ट्रांसपोर्टरों को मुनाफा देने के लिए ऐसा कर रही है। इससे पंजाब रोडवेज पनबस के राजस्व को निरंतर चूना लग रहा है क्योंकि इन बसों की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि बीच सड़क में कई बार इसके खराब होने के कारण यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस कारण आम यात्री इन बसों में सफर करने से गुरेज करते हैं और कई बार तो इनके रूट भी मिस हो जाते हैं जिस कारण पंजाब रोडवेज पनबस की छवि धूमिल हो रही है। बस स्टैंड पर खस्ता हालत में खड़ी किलोमीटर स्कीम की बसें जो पेहवा, नकोदर, शाहपुर व सुल्तानपुर लोधी के रूटों पर चलती है जिसके टाईम मिस हो रहे हैं मगर रोडवेज विभाग के अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
इस संबंध में पंजाब रोडवेज पनबस कांटै्रक्ट वर्कर यूनियन लुधियाना के प्रधान शमशेर सिंह ढिल्लों व भगता सिंह ने पंजाब सरकार और मैनेजमेंट के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले समय में सरकार ने कर्जा लेकर पनबसों केफ्लीट में जो बसें शामिल की थीं उन पनबस के कर्मचारियों द्वारा मेहनत करके थोड़े समय में ही इनको कर्जा मुक्त करवा दिया गया था और जिसके बाद पंजाब रोडवेज पनबस मैनेजमैंट उन बसों को रोडवेज के बेड़े में शामिल करवा देती है। क्योंकि सरकार पनबस के कर्मचारियों को लंबे समय से कम वेतन देकर उनसे ज्यादा काम ले रही है जो इन कर्मचारियों के साथ सरासर नाइंसाफी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में 299 बसों को रोडवेज में शामिल किया गया था जिसको विभाग ने कर्ज लेकर पनबस में डालकर चलाया गया था और जिस स्टाफ ने कड़ी मेहनत करके उन बसों को कर्ज मुक्त किया था आज उन कर्मचारियों को सरकार रेगुलर करने की बजाए उनको कांट्रैक्ट बेस पर लगातार रख कर उनका शोषण कर रही है। शमशेर सिंह ने कहा कि पनबस कर्मचारियों की सरकार द्वारा मानी गई मांगों में वेतन में बढ़ौतरी करना, गलत कंडीशनों को रद्द करना, कर्मचारियों को पक्का करने के साथ-साथ माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक समान काम, समान वेतन लागू करना शामिल हैं जबकि पंजाब रोडवेज की बसों के फ्लीट को पूरा करने के चक्कर में सरकार और मैनेजमेंट इसके उलट जाकर पंजाब रोडवेज पनबस के राजस्व को घाटे में ले जा रही है, जिसके कारण पनबस कर्मचारियों को बार-बार हड़ताल और संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।