ओवरलोडिड वाहन लील रहे जिंदगियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Nov, 2017 10:51 AM

overloaded trolley

जिले में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के चलते सड़कों पर चल रहे ओवरलोडिड वाहन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में विशेष भूमिका अदा कर रहे हैं, जो कई जिंदगियों को लील रहे हैं। अगर जिला प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस ओवरलोङ्क्षडग पर पूरी तरह से रोक लगा दे तो सड़क...

कपूरथला (मल्होत्रा): जिले में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के चलते सड़कों पर चल रहे ओवरलोडिड वाहन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में विशेष भूमिका अदा कर रहे हैं, जो कई जिंदगियों को लील रहे हैं। अगर जिला प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस ओवरलोङ्क्षडग पर पूरी तरह से रोक लगा दे तो सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आ सकती है। अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं ओवरलोडिड वाहनों की वजह से हो रही हैं। एक माह के दौरान जिला कपूरथला में हुई 50 के करीब सड़क दुर्घटनाओं में 9 लोगों की मौत व 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस के पास रिफ्लैक्टर तक लगाने का समय नहीं है।

क्या है ओवरलोडिड वाहन का जुर्माना
 निर्धारित किए गए वजन से अधिक वजन लोड करने वाले वाहनों को पहले टन का 2 हजार रुपए जुर्माना देना पड़ता है। इसके बाद अगले एक टन का 1500 रुपए व अगले टन का एक हजार व उसके बाद प्रति टन 500 रुपए वसूल करता है परिवहन विभाग।

परिवहन विभाग द्वारा सख्ती बरतने की जरूरत
जिस तरह से आए दिन शहर और आस-पास ओवरलोड कमर्शियल वाहनों की वजह से सड़क दुर्घटनाएं घटती रहती हैं, उनको देखते हुए परिवहन विभाग को सख्ती बरतने की काफी जरूरत है, क्योंकि अक्सर यह देखने में आता है कि किसी सिफारिश या जुगाड़ से ओवरलोडिड वाहनों का चालन नहीं किया जाता और उन्हें ऐसे ही जाने दिया जाता है। मौके पर ही हुई सैटिंग का नतीजा यह निकलता है कि ऐसे वाहन किसी यमराज की भांति सड़क पर चल रहे अन्यों के लिए जानलेवा साबित होते हैं।

फॉग लाइट के साथ भटके राहगीरों को रास्ता दिखाने को लेकर उदासीन रवैया
पुलिस के ट्रैफिक विभाग द्वारा कुछ साल पहले तक सर्दियों के इन दिनों में जब कोहरे व स्मॉग आदि का जोर रहता था तब हाईवे एवं मुख्य सड़कों पर विशेष दस्ते तैनात किए जाते थे, जिनके पास बड़ी-बड़ी फॉग लाईटें उपलब्ध रहती थी, जिनकी सहायता से वे रास्ता भटक गए राहगीरों की सहायता किया करते थे। मगर मौजूदा समय में पुलिस प्रशासन का इस तरह के दस्ते तैनात करने को लेकर रवैया बेहद उदासीन बना हुआ है, जिसकी वजह से भी सड़कों पर दुर्घटनाओं में काफी वृद्धि हो रही है।

प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 4.9 प्रतिशत की हुई है वृद्धि
सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले साल की तुलना सड़क दुर्घटनाओं में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मौजूदा समय के अंदर प्रदेश में हर साल लगभग 8 से 10 हजार दुर्घटनाओं की रिपोर्ट की जाती है। मगर असल गिनती इससे कहीं अधिक है। सड़क दुर्घटनाओं की वजह से हर साल मरने वालों की संख्या 6 हजार से ऊपर पहुंच चुकी है।

इस गिनती में ओवरलोडिड कमर्शियल वाहनों की वजह से हुई दुर्घटनाओं की गिनती काफी बड़ी है। कुल मृतकों में से 20 प्रतिशत ऐसे हैं जिनकी मौत ओवरलोडिड वाहनों की वजह से हुई है, जबकि 55 प्रतिशत मौतें नशे और ओवर स्पीड की वजह से हुई हैं। पुलिस की तरफ से हर साल 4 से 5 लाख चालान पूरे प्रदेश में काटे जाते हैं, जिनमें बिना हैल्मेट, काली फिल्म, सीट बैल्ट के बिना और मोबाइल फोन सुनने की वजह से काटे गए चालान अधिक होते हैं। 

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