Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 08:40 AM
नगर निगम पर छाई मंदी की मार का असर अब सिटी रेलवे स्टेशन के करीब बने रैन बसेरे पर भी पड़ सकता है। खजाना खाली होने के चलते बीते 3 महीनों से रैन बसेरे के ठेकेदार को निगम की ओर से कोई भी पेमेंट नहीं की गई।
जालन्धर (राज): नगर निगम पर छाई मंदी की मार का असर अब सिटी रेलवे स्टेशन के करीब बने रैन बसेरे पर भी पड़ सकता है। खजाना खाली होने के चलते बीते 3 महीनों से रैन बसेरे के ठेकेदार को निगम की ओर से कोई भी पेमेंट नहीं की गई। वहीं इस रैन बसेरा की रखवाली करने वाले भी अब नौकरी छोडने की तैयारी कर रहे हैं। हालात ऐसे ही बने रहे तो निगम का यह रैन बसेरा बंद हो सकता है। सर्दी का मौसम आते ही खुले आसमान में रात गुजारने वाले लोग रैन बसेरा की शरण लेते हैं। जहां समाज सेवी संस्थाओं की ओर से गर्म बिस्तर सहित बैड आदि का इंतजाम किया गया है।
सफाई करने के लिए भी पैसे नहीं
ठेकेदार के कर्मचारी ने कहा कि हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अब सफाई करने के लिए भी पैसे नहीं है। बीते 3 महीनों से न तो ठीक ढंग से सफाई हुई है और न ही बिस्तर आदि की धुलाई करवाई गई है। इससे यहां हर वक्त बदबू फैली रहती है। इसकी शिकायत कई बार नगर निगम कमिश्नर को की गई, मगर आज तक किसी भी अधिकारी ने यहां आकर स्थिति का जायजा नहीं लिया।
पुलिस विभाग ने भी खड़े किए हाथ
कई बार रैन बसेरा के बाहर शराबी तथा बदमाश किस्म के लोग झगड़ा करते हंै तथा रात भर गंदी गालियां देते हैं। जब इसकी शिकायत पुलिस के हैल्पलाईन नंबर 100 पर देने की कोशिश की जाती है तो वह नंबर कभी भी नहीं लगता। ऐसे में खुद की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। रैन बसेरा के बाहर जो नंबर लिखे हैं वह सब बंद हो चुके हैं।