Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Dec, 2017 09:39 AM
राज्य निर्वाचन आयोग ने वीरवार को नगर निगम चुनावों का ऐलान कर दिया। 2 दिन बाद नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, मगर टिकट दावेदारों के सामने सबसे बड़ी मुसीबत है कि अभी तक किसी ने भी नगर निगम से एन.ओ.सी. नहीं ली है। अभी तक तो आवेदन फार्म लेने के लिए ही...
जालंधर(रविंदर शर्मा): राज्य निर्वाचन आयोग ने वीरवार को नगर निगम चुनावों का ऐलान कर दिया। 2 दिन बाद नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, मगर टिकट दावेदारों के सामने सबसे बड़ी मुसीबत है कि अभी तक किसी ने भी नगर निगम से एन.ओ.सी. नहीं ली है। अभी तक तो आवेदन फार्म लेने के लिए ही दावेदारों के बीच मारामारी चल रही है। कांग्रेस ने तो टिकट दावेदारों को आवेदन फार्म बांट दिए हैं, मगर अकाली दल और भाजपा के टिकट दावेदारों के लिए तो मुश्किल और भी ज्यादा है। अभी तक दोनों पार्टियां इस बात के नतीजे पर भी नहीं पहुंच सकी हैं कि कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा।
कब उनके नेता आवेदन फार्म लेंगे, कब आवेदन करेंगे और कब वे अपना दावा पेश करेंगे। सबसे बड़ी मुसीबत तो दावेदारों के लिए नगर निगम की एन.ओ.सी. बनने जा रही है। अचानक कल से नगर निगम की तरफ नेताओं की दौड़ लगेगी, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने समय बेहद कम दिया है तो एन.ओ.सी. को लेकर नगर निगम में जमकर भ्रष्टाचार चल सकता है। जल्द से जल्द एन.ओ.सी. पाने के लिए नेताओं को घूस तक देनी पड़ सकती है। नामांकन प्रक्रिया 2 से 6 दिसम्बर तक चलेगी यानि नामांकन की तारीख के लिए टिकट दावेदारों के पास सिर्फ कुछ घंटे ही बचे हैं। ऐसे में हर नेता शुक्रवार से नगर निगम से लेकर डी.सी. आफिस तक अपनी दौड़ लगाता नजर आएगा। सबसे ज्यादा क्रेज कांग्रेस की टिकट को लेकर नजर आ रहा है। कांग्रेस भवन में जहां पूरी रौनक नजर आ रही है, वहीं भाजपा व अकाली दफ्तरों में पूरी तरह सन्नाटा छाया हुआ है।
जितनी ज्यादा दावेदारियों, उतनी ज्यादा बगावत
सबसे ज्यादा दावेदारियां कांग्रेस की सीट पर हो रही हैं। एक-एक वार्ड में 10-10 दावेदार नजर आ रहे हैं। विधायकों ने भी कई दावेदारों को एक साथ लालीपॉप दिया हुआ है। ऐसे में टिकट कटने के बाद सबसे ’यादा बगावत भी कांग्रेस में ही नजर आ सकती है। कई वार्डों में तो बगावत की शुरुआत भी हो चुकी है। आने वाले कुछ दिनों में कांग्रेस के भीतर काफी बवंडर देखने को मिल सकता है।