प्रापर्टी टैक्स डिफाल्टरों के खिलाफ निगम कमिश्नर का हल्ला बोल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 08:18 AM

condemnation of corporation commissioner against property tax defaulter

नगर निगम को वित्तीय संकट में से निकालने के लिए प्रापर्टी टैक्स डिफाल्टरों के खिलाफ कमिश्नर ने हल्ला बोला है। उन्होंने सख्ती दिखाते हुए प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी को पहल दी है। कमिश्नर ने आज एक नया आदेश जारी करके कुछ दिनों के लिए आरजी तौर पर शहर को 9...

पटियाला (बलजिन्द्र): नगर निगम को वित्तीय संकट में से निकालने के लिए प्रापर्टी टैक्स डिफाल्टरों के खिलाफ कमिश्नर ने हल्ला बोला है। उन्होंने सख्ती दिखाते हुए प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी को पहल दी है। कमिश्नर ने आज एक नया आदेश जारी करके कुछ दिनों के लिए आरजी तौर पर शहर को 9 जोनों में बांट कर समूची ब्रांचों के सुपरिंटैंडैंटों को उनका इंचार्ज नियुक्त कर दिया है क्योंकि नगर निगम के करोड़ों रुपए हाऊस टैक्स और प्रापर्टी टैक्स डिफाल्टरों की तरफ बकाया हैं। 

अब तक प्रापर्टी टैक्स के 45 हजार यूनिट हुए डिटैक्ट
नगर निगम की तरफ से शहर में प्रापर्टी टैक्स के सर्वे के लिए तैनात की गई टीम ने अब तक अपनी पेश रिपोर्ट में 45 हजार यूनिट डिटैक्ट किए हैं जबकि सर्वे अभी जारी है। यहां वर्णनीय है कि पिछले साल कुल रिटर्नें 22,500 ही आई थीं जबकि इस बार 23,000 रिटर्नें पहले 7 महीनों में आ चुकी हैं। यदि उक्त 45 हजार यूनिटों के डिटैक्ट होने की बात के साथ इसका मिलान किया जाए तो प्रापर्टी टैक्स का बकाया काफी अधिक हो सकता है। 

18 करोड़ रुपए डिफाल्टरों की तरफ बकाया
नगर निगम के 18 करोड़ रुपए डिफाल्टरों की तरफ बकाया हैं, जिसमें 6 से 7 करोड़ रुपए हाऊस टैक्स के बकाया हैं। हालांकि हाऊस टैक्स साल 2013 से बंद कर दिया गया था और उसकी जगह पर प्रापर्टी टैक्स शुरू किया गया था। इसके बाद 10 करोड़ से ज्यादा का बकाया प्रापर्टी टैक्स का निगम के रिकार्ड में है। यदि इसमें से आधी रिकवरी भी हो जाए तो नगर निगम की आॢथक स्थिति कुछ ठीक हो जाएगी। मुलाजिमों को तनख्वाहों और अन्य कार्यों के लिए जो पैसा चाहिए, वह रिकवरी से आ सकता है। यहां यह भी वर्णनीय है कि नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स से साढ़े 15 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें पहले 7 महीनों में ही 9 करोड़ रुपए निगम के खजाने में जमा हो चुके हैं जबकि पिछले साल कुल प्रापर्टी टैक्स से होने वाली आय सिर्फ 9 करोड़ रुपए ही हुई थी। 

गिनती के दिनों में घर-घर पहुंचेंगे प्रापर्टी टैक्स संबंधी नोटिस
किस व्यक्ति का कितना प्रापर्टी टैक्स बनता है और उसकी तरफ से जमा करवाया गया है या नहीं, यदि नहीं तो कितनी राशि बकाया है, इसको लेकर नगर निगम की तरफ से घर-घर नोटिस पहुंचाने की तैयारी भी कर ली गई है जिससे संबंधित व्यक्ति को यह पता लग सके कि उसके प्रापर्टी टैक्स का क्या स्टेटस है, इसलिए हाऊस टैक्स ब्रांच की तरफ से हाऊस टैक्स के साथ संबंधित नोटिस भेजे जा रहे हैं क्योंकि उनके पास इसका पुख्ता रिकार्ड है।

इसके अलावा नई योजना के अंतर्गत वाटर सप्लाई और सीवरेज के बिलों के साथ प्रापर्टी टैक्स के बिल और अन्य जानकारी भेजी जा रही है। इतना ही नहीं जो कंपनी सर्वे कर रही है, उनके द्वारा भी नोटिस और प्रापर्टी टैक्स संबंधी सरकार की तरफ से दी छूटों संबंधी जानकारी मुहैया करवाई जा रही है जिससे लोग इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा ले सकें। 

क्या कहते हैं निगम कमिश्नर
नगर निगम के कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी कोशिश यह है कि सरकार की तरफ से जो यह ऐतिहासिक छूट दी गई है, उसका ज्यादा से ज्यादा लोग लाभ ले सकें। आम तौर पर जागरूकता की कमी और सभी लोगों तक पहुंच न होने के कारण लोगों को न तो इसका ज्ञान होता है और छोटी राशि होने के कारण कई बार व्यक्ति भर नहीं पाता परंतु हम अब खुद घर-घर जा रहे हैं।

समूचे शहर को जोनों में बांट कर अफसर और अन्य स्टाफ तैनात कर दिया गया है। संबंधित एरिया की रैजीडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन और वहां के प्रतिनिधियों के साथ संपर्क करके जरूरत पडऩे पर शहर के कोने-कोने में कैंप भी लगा रहे हैं। हमारा उद्देश्य जहां प्रापर्टी टैक्स और हाऊस टैक्स की रिकवरी करना है, वहीं लोग इस स्कीम का ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकें। 

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