Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 05:18 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राज्य के किसानों को ऋण माफी के मामले को लेकर अपना आंदोलन वापस लेने की अपील करते हुए कहा है कि राज्य में चल रहे भीषण आर्थिक संकट के चलते सभी किसानों का ऋण माफ करना मौजूदा परिस्थितियों में संभव नहीं है...
जालंधर (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राज्य के किसानों को ऋण माफी के मामले को लेकर अपना आंदोलन वापस लेने की अपील करते हुए कहा है कि राज्य में चल रहे भीषण आर्थिक संकट के चलते सभी किसानों का ऋण माफ करना मौजूदा परिस्थितियों में संभव नहीं है परन्तु वह किसानों की समस्याओं को दूर करने के प्रति वचनबद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भीषण आर्थिक संकट के बावजूद पंजाब सरकार ने अन्य राज्यों की तुलना में किसानों का सबसे ज्यादा ऋण माफ किया है।
किसानों को विपक्षी पार्टियों से गुमराह होने की जरूरत नहीं
पहले चरण में छोटे किसानों के ऋणों को माफ किया गया है। उन्होंने आंदोलनकारी किसानों से कहा कि वे सरकार द्वारा किसानों का 2-2 लाख रुपए का ऋण माफ करने के फैसले का स्वागत करें। मुख्यमंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र ने अभी तक अपने राज्य में किसानों का डेढ़-डेढ़ लाख, उत्तर प्रदेश ने एक-एक लाख, राजस्थान ने 50-50 हजार, मध्य प्रदेश ने 1-1 लाख, तथा कर्नाटक ने 50-50 हजार का कर्जा माफ किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब को पूर्व अकाली भाजपा गठबंधन से खाली खजाना हासिल हुआ। इसके बावजूद छोटे किसानों का 2-2 लाख रुपए का ऋण माफ करने का सरकार ने अहम फैसला लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को विपक्षी पार्टियों व कुछ किसान यूनियन के हाथो गुमराह होने की जरूरत नहीं है, जो ऋण माफी के मामले में व्यक्तिगत सियासी हितों से प्रभावित होकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से ऋण माफी के मामले में कांग्रेस सरकार को कोई सहयोग नहीं मिला जिस कारण उनकी सरकार 2 लाख से अधिक ऋण को माफ करने की स्थिति में नहीं थी।
जनता के मसलों का निपटारा पहल के आधार पर हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को कुछ देर इंतजार करना चाहिए। सरकार जब 10 लाख से अधिक छोटे किसानों का ऋण माफ कर देगी तो किसानों को राहत महसूस होगी। कांग्रेस सरकार राज्य की अर्थव्यवस्थआ को पटरी पर लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है ताकि समाज के सभी वर्गों से किए वायदों को सरकार पूरा कर सके तथा साथ पंजाब को विकास के रास्ते पर आगे ले जाया जा सके। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए छोटे व सीमांत किसान ऋणों के बोझ के नीचे सबसे ज्यादा दबे हुए थे। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े किसानों की गिनती कम है जिन्हें ऋण माफी की सीमा के घेरे से बाहर रखा गया है। क्योंकि सम्पन्न व बड़े किसान अपना ऋण उतारने में सक्षम हैं। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री निवास पर जन शिकायतों को सुनने का कार्य फिर से प्रारंभ कर दिया है तथा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनता के मसलों का निपटारा पहल के आधार पर हो।
ऋण माफी हेतु सरकार ने 2700 करोड़ रुपए का प्रबंध किया
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य के खजाने पर 2007 में केवल 46000 करोड़ का ऋण था, जब कांग्रेस ने सत्ता छोड़ी थी परन्तु पिछले 10 वर्षों में यह कर्जा बढ़कर 2 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच गया। उन्होंने दोहराया कि पहले चरण में 5.63 लाख किसानों को ऋण माफी का लाभ मिलेगा तथा उसके लिए पंजाब सरकार ने 2700 करोड़ रुपए की राशि का प्रबंध कर लिया है। इससे अधिक राशि का मौजूदा हालात में प्रबंध करना कठिन था। इसलिए किसानों की पूरा ऋण माफ करने की मांग को पूरा करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण ही इस बार रिकार्ड कपास की फसल हुई है तथा किसानों को सभी फसलों का भुगतान समय पर किया गया है।