मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सुरेश कुमार के समर्थन में उतरे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 10:25 AM

captain amarinder singh

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अपने मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार के समर्थन में आगे आ गए हैं। हाईकोर्ट द्वारा सुरेश कुमार की नियुक्ति रद्द करने के आदेशों के बाद मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की कि उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले की समीक्षा करने के...

जालंधर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अपने मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार के समर्थन में आगे आ गए हैं। हाईकोर्ट द्वारा सुरेश कुमार की नियुक्ति रद्द करने के आदेशों के बाद मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की कि उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले की समीक्षा करने के निर्देश राज्य के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को दिए हैं ताकि इस संबंधी कानूनी उपाय सरकार द्वारा किए जा सकें। 

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एडवोकेट जनरल को कहा है कि वह अदालत के फैसले की गहराई से समीक्षा करें तथा उन कारणों की समीक्षा करें जिनमें जजों ने सुरेश कुमार की नियुक्ति को रद्द किया है। सरकार अदालत के फैसले की समीक्षा करने के बाद उचित कानूनी कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा सेवानिवृत्त सिविल सर्वैंट्स को पिं्रसीपल स्टाफ ऑफिसर्स के पदों पर नियुक्त किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी पिछले 2 दशकों में सेवानिवृत्त अधिकारियों की सेवाएं ली हैं। इस संबंधी टी.के.ए. नायर का नाम भी लिया जा रहा है जिन्होंने डा. मनमोहन सिंह के साथ सेवानिवृत्ति के बाद भी कार्य किया। मौजूदा प्रधानमंत्री के मौजूदा प्रधान सचिव भी एक सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी हैं जोकि 1967 बैच के हैं तथा यू.पी. से संबंध रखते हैं।

इसी तरह से गुजरात तथा केरल सरकारों ने भी रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारियों को मुख्यमंत्रियों के प्रमुख प्रधान सचिवों के रूप में नियुक्त किया हुआ है। गुजरात में मुख्यमंत्री के प्रमुख प्रधान सचिव के रूप में के. कैलाश नाथन काम कर रहे हैं जोकि 1979 बैच के हैं। वह 2013 में रिटायर हुए थे। इसी तरह से केरल के मुख्यमंत्री ने अपने साथ अगस्त 2017 में रिटायर हुई पूर्व मुख्य सचिव श्रीमती नलिनी नीटो को अपने साथ जोड़ा हुआ है। सुरेश कुमार भी 1983 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी हैं जिन्होंने सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। मुख्यमंत्री के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री हमेशा अधिकारी की ईमानदारी व निष्ठा को ध्यान में रखकर उनकी नियुक्ति प्रमुख प्रधान सचिव के रूप में करता है। सरकारी कामकाज में पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए ऐसे कदम प्रत्येक मुख्यमंत्री द्वारा उठाए जाते रहे हैं जैसे कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पंजाब में उठाए हैं।

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