पंजाब के किसानों ने देश के अन्न भंडार भरकर दिया कीमती योगदान : धर्मसोत

Edited By Vatika,Updated: 18 Sep, 2019 01:06 PM

sadhu singh dharamsot

पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय केंद्र गुरदासपुर में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को समॢपत किसान मेला लगाया गया।

खन्ना(कमल): पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय केंद्र गुरदासपुर में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को समॢपत किसान मेला लगाया गया। इस मेले दौरान जंगलात और समाज भलाई विभाग पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की। इस मौके किसानों के जलसे को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कहा कि पी.ए.यू. के विज्ञानियों और माहिरों की सिफारिशों पर वैज्ञानिक तरीकों अनुसार खेती करते पंजाब के किसानों ने बहुत तरक्की की और हरी क्रांति लाकर देश के अन्न भंडार को भरपूर करने में पंजाब ने अहम योगदान दिया।

पंजाब के किसानों ने देश के कई प्रदेशों को खेती करनी सिखाई, परन्तु हाथों से काम करने की आदत छोडऩे और अनावश्यक खर्च बढ़ाने के साथ आज किसानी संकट में घिर चुकी है। जल स्रोतों की संभाल करने, खेती विभिन्नता को अपनाने और खेती जिनसों के स्वयं मंडीकरण पर जोर देते हुए किसानों को समय के साथी बनाने के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा अपने वायदे मुताबिक 5.62 लाख किसानों को कर्ज से राहत दी जा चुकी है। पंजाब सरकार किसानों को उनकी बनतीं सहूलियतें देने के लिए वचनबद्ध है। पी.ए.यू. के वाइस चांसलर डा. बलदेव सिंह ढिल्लों पद्मश्री ने कहा कि किसान मेलों में किसानों का भरवां समूह जहां हमारे विज्ञानियों और माहिरों की हौसला अफजाई करता है, वहां उनके द्वारा मिलने वाली फीड बैक द्वारा हमारी खोज को नए दिशा-निर्देश देने में मदद मिलती है। जल स्रोतों की संभाल करने और पराली को आग न लगाने की ताकीद करते हुए उन्होंने किसान मेलों के उद्देश्य पवन गुरु पानी पिता माता धरती महत पर चलने के लिए प्रेरित किया। डा. जसकरन सिंह माहल निर्देशक पसार शिक्षा, पी.ए.यू. ने किसान मेले में शिरकत कर रहे मुख्यातिथियों, किसानों, विज्ञानियों तथा गण्यमान्यों का स्वागत किया। 

डा. मानव इंद्र सिंह गिल डीन हार्टिकल्चर कालेज और अपर निर्देशक खोज ने यूनिवर्सिटी की अहम खोज प्राप्तियों के बारे में रोशनी डाली। उन्होंने यूनिवर्सिटी द्वारा नई विकसित की गेहूं और ज्वार की किस्मों के साथ-साथ कृषि विभिन्नता को बढ़ावा देने के लिए टमाटर, शिमला मिर्च, प्याज, करेला, हलवा कद्दू, गुलदौदी तथा अमरूद की किस्मों के बारे में भी जानकारी दी। वहीं गांवों के  सांझे स्थानों पर पौष्टिक फलों की बगीची लगाने का माडल भी तैयार किया गया, जिसमें 21 तरह के फल लगाए जा सकते है। इस मौके डा. तरसेम सिंह ढिल्लों, निर्देशक बीज, पी.ए.यू. ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए गुरदासपुर के किसान मेलों में बीजों के बंटवारे के लिए सिंगल विंडो व्यवस्था शुरू की गई है जिसके अंतर्गत किसानों को एक ही खिड़की से सभी बीज उपलब्ध करवाए गए। इस मौके डा. हरतरन पाल सिंह, मुख्य कृषि अफसर गुरदासपुर ने कृषि विभाग द्वारा किसानों की भलाई के लिए चलाई जा रही स्कीमों, सबसिडीयों और प्रशिक्षण के बारे में भी रोशनी डाली। इस मौके डा. भुपिंद्र सिंह निर्देशक क्षेत्रीय खोज केंद्र ने किसान मेले में शिरकत कर रहे मुख्यातिथि, किसानों, वैज्ञानिकों और माहिरों का धन्यवाद किया। मेले दौरान यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों और कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा खेत प्रदर्शनियां लगाकर किसानों के ज्ञान में बढ़ौतरी की। मेले दौरान माहिरों की उच्च स्तरीय टीम ने किसानों की खेती समस्याओं के उचित हल भी बताए।

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