Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 11:00 AM
नए साल के पहले सप्ताह में डी.सी. दफ्तर कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में शुरू की गई अनिश्तिकालीन कलम छोड़ हड़ताल चंद ही घंटों में खत्म हो गई। डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा ने गत दिवस हड़ताल की घोषणा के चंद मिनट बाद ही सूझ-बूझ से काम लेते हुए...
जालंधर(अमित): नए साल के पहले सप्ताह में डी.सी. दफ्तर कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में शुरू की गई अनिश्तिकालीन कलम छोड़ हड़ताल चंद ही घंटों में खत्म हो गई। डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा ने गत दिवस हड़ताल की घोषणा के चंद मिनट बाद ही सूझ-बूझ से काम लेते हुए एक ऐसा रास्ता निकाला जिसकी वजह से कर्मचारियों के चेहरों की खोई रौनक दोबारा से लौट आई और सारे कर्मचारी प्रसन्न नजर आए। मंगलवार दोपहर बाद शुरू हुई हड़ताल बुधवार को टूट गई।
आम दिनों की भांति जारी रहा कामकाज
कर्मचारियों द्वारा बुधवार सुबह दफ्तर खुलते ही हड़ताल समाप्त करने की घोषणा किए जाने से सारा दिन आम दिनों की भांति कामकाज जारी रहा। कुछ घंटों तक कड़ाके की ठंड, कोहरे और हड़ताल की सूचना के कारण अधिक गिनती में लोग डी.सी. दफ्तर नहीं पहुंचे मगर जैसे ही लोगों को इस बात की जानकारी मिली कि हड़ताल खत्म हो चुकी है जनता का आवागमन शुरू हो गया। कर्मचारियों ने भी जनता के सारे काम रूटीन में निपटाए।
कर्मचारियों ने डी.सी. से की मुलाकात, जताया आभार
सुबह जैसे ही कर्मचारियों को डी.सी. द्वारा जारी हिदायतों की जानकारी प्राप्त हुई, तुरंत ही समूह कर्मचारी डी.सी. से मुलाकात करने पहुंचे और उनका आभार व्यक्त करते हुए अपनी हड़ताल वापसी की घोषणा की।
डी.सी. ने मांगें मानीं, हड़ताल का नहीं कोई औचित्य: नरेश कुमार
डी.सी. दफ्तर इम्प्लाइका एसो. जालंधर यूनिट के प्रधान नरेश कुमार ने बताया कि डी.सी. ने उनकी मांगें ही मान ली थीं, तो ऐसे में हड़ताल करने का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता, इसलिए तुरंत कामकाज आरंभ कर दिया गया।
क्या था बीच का रास्ता, जिससे हड़ताल हुई खत्म?
डी.सी. दफ्तर कर्मचारियों की हड़ताल का मुख्य कारण था पठानकोट से बदल कर बतौर सीनियर सहायक आने वाले एक कर्मचारी को डी.सी. द्वारा एन.ओ.सी. दिया जाना। कर्मचारियों में इस बात को लेकर रोष था कि अगर बाहरी जिलों से लाकर सीनियर सहायक हमारे ऊपर नियुक्त किए जाते रहे तो तरक्की का इंतजार कर रहे हमारे जैसे कर्मचारियों का क्या होगा। इस तरह से तो हम बिना तरक्की के ही रिटायर हो जाएंगे, क्योंकि हमारी सीनियोरिटी लिस्ट पर इसका सीधा असर पड़ेगा। डी.सी. ने एन.ओ.सी. तो वापस नहीं ली मगर इस बात को लेकर हिदायतें अवश्य जारी कर दीं कि उक्त कर्मचारी सरकार की हिदायतों के अनुसार बतौर सीनियर सहायक नियुक्ति के लिए पात्र नहीं है। अगर वह बतौर क्लर्क यहां नियुक्त होना चाहता है तो इसमें कोई एतराज नहीं होगा।