शताब्दी एक्सप्रैस के ऑटोमैटिक दरवाजे बंद: यात्री बोला, ओए...गाड़ी रोको मेरे बच्चे अंदर रह गए ने..

Edited By Vatika,Updated: 31 May, 2019 09:18 AM

shatabdi express jalandhar train

वीरवार को नई दिल्ली से चल कर अमृतसर की ओर आने वाली शताब्दी एक्सप्रैस में लगे ऑटोमैटिक दरवाजे यात्रियों के लिए मुसीबत बन गए।

जालंधर(गुलशन): वीरवार को नई दिल्ली से चल कर अमृतसर की ओर आने वाली शताब्दी एक्सप्रैस में लगे ऑटोमैटिक दरवाजे यात्रियों के लिए मुसीबत बन गए। दरअसल तेजस रैक वाली शताब्दी दोपहर 12.50 पर  सिटी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नं.-1 पर पहुंची। निर्धारित स्टॉपेज के बाद ट्रेन के ऑटोमैटिक दरवाजे बंद हो गए।

ट्रेन जैसे ही प्लेटफार्म से चलने लगी तो एक यात्री जोर-जोर से चिल्लाने लगा। ओए गाड़ी रोको.... मेरे बच्चे अंदर रह गए ने...। यात्री चलती ट्रेन के शीशों पर जोर-जोर से हाथ मारते हुए ट्रेन के साथ भागने लगा। मौके पर मौजूद आर.पी.एफ. स्टाफ और यात्रियों ने उसे काफी रोका, लेकिन वह नहीं माना और काफी दूर तक ट्रेन के साथ भागता रहा। आखिरकार ट्रेन के गार्ड ने ट्रेन रोककर उसे ट्रेन में चढ़ाया। जानकारी के मुताबिक उक्त व्यक्ति शताब्दी के सी-9 कोच में अपने परिवार के साथ नई दिल्ली से अमृतसर जा रहा था। शताब्दी जब जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो उक्त व्यक्ति कुछ लेने के लिए ट्रेन से उतरा। 3 मिनट के स्टॉपेज के बाद ट्रेन के ऑटोमैटिक दरवाजे बंद हो गए और वह ट्रेन में चढ़ नहीं पाया। उसकी फैमिली ट्रेन में ही छूट गई जिस कारण काफी घबरा गया था। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ।

शताब्दी को अंदर से देखने गया एक अन्य यात्री भी नहीं निकल पाया बाहर
ऑटोमैटिक दरवाजे वाली शताब्दी एक्सप्रैस को अंदर से देखना एक और यात्री को भारी पड़ गया। वह ट्रेन में चढ़ा तो ऑटोमैटिक दरवाजे बंद हो गए और ट्रेन चल पड़ी। वह बाहर नहीं निकल पाया। उसके परिवार के सदस्य भी ट्रेन रुकवाने के लिए काफी गुहार लगाते रहे, लेकिन ट्रेन दोबारा नहीं रुकी।वह ट्रेन में ब्यास स्टेशन तक पहुंच गया क्योंकि शताब्दी एक्सप्रैस सिटी स्टेशन से निकलने के बाद ब्यास से पहले किसी स्टेशन पर नहीं रुकती। उसके परिवार के सदस्यों ने बताया कि जगदीश आर्मी में नौकरी करते हैं। सभी ने अहमदाबाद जाना था। अहमदाबाद-जम्मूतवी एक्सप्रैस ट्रेन में उनकी सीट बुक थीं। शताब्दी एक्सप्रैस को अंदर से देखने के चक्कर में वह अंदर ही फंस गए। दूसरी तरफ उनकी ट्रेन आने का भी समय हो गया। ब्यास से वापसी के लिए 2 घंटे तक कोई ट्रेन नहीं थी। कोई हल निकलता ना देख कर परिवार के अन्य सदस्य जगदीश को छोड़ कर ट्रेन में सवार होकर अहमदाबाद के लिए निकल गए।

शताब्दी में छूटा यात्री का पर्स नहीं मिला
शताब्दी के सी-8 कोच की 25 नंबर सीट पर नई दिल्ली से लुधियाना तक सफर कर रहे यात्री ने अपना पर्स गुम होने की शिकायत लुधियाना स्टेशन पर दी। लुधियाना से जालंधर स्टेशन पर डिप्टी एस.एस. को सूचना दी गई।आर.पी.एफ. के ए.एस.आई. अनिल कुमार को ट्रेन अटैंड करने के लिए भेजा गया। जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर आकर रुकी तो सी-8 कोच की 25 नंबर सीट पर चैक किया गया तो उन्हें वहां कोई भी पर्स नहीं मिला।

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