टीचरों के गुस्से का इस तरह हुअा शिकार कि पेट के हुए 3 अप्रेशन,क्रिकेटर का करियर हुअा खत्म

Edited By Updated: 28 Sep, 2016 10:27 AM

principal 4 teachers booked as 13 year old battles for life

डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले 8वीं क्लास के स्टूडेंट अथर्व को बेरहमी से पीटने के मामले में पुलिस  आरोपी प्रिंसीपल और टीचर्स को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

लुधियानाः  डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले 8वीं क्लास के स्टूडेंट अथर्व को बेरहमी से पीटने के मामले में पुलिस  आरोपी प्रिंसीपल और टीचर्स को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। 

दुखद बात यह रही कि जिस दिन उसकी पंजाब अंडर-14 क्रिकेट टीम के लिए सलैक्शन हुई, उसी दिन वह टीचरों के गुस्से का शिकार बना। उसका दाहिना पैर सुन्न होने के कारण वह क्रिकेट नहीं खेल सकेगा।  वारदात के 20 दिन बीतने के बाद भी स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम के हाथ खाली हैं।   


इलाज कर रहे डॉक्टर जसपाल के अनुसार मारपीट के कारण उसका चूल्हा, दोनों टांगे व शरीर के अन्य हिस्सों पर आई चोटें आई हैं। उसका दाहिना पैर सुन्न होने के कारण वह क्रिकेट नहीं खेल सकेगा। इस कारण उसका करियर ही खत्म हो गया है। क्याेंकि पेट के तीन मेन ऑपरेशन होने के बाद अब शरीर के निचले हिस्से के ऑपरेशनों के लिए उसे करीब डेढ़ साल तक का इंतजार करना पड़ेगा।
 
अथर्व ने बताया कि पंजाब क्रिकेट अंडर-14 में सिलेक्ट होने के कारण मैं बहुत खुश था।  सलेक्शन होने के कारण सभी फ्रेंड मुझे बेस्ट ऑफ लक बोल रहे थे। जब मैं बरामदे में खड़ा था तो मुझे एक फ्रेंड ने बेस्ट ऑफ लक कहा, उसे थैंक्यू कह कर जैसे ही मैं पीछे मुड़ा तो उधर से राजीव सर आ रहे थे। उन्होंने आते ही मेरे मुंह पर थप्पड़ मार दिया।
तभी नवीन सर भी आ गए। दोनों ने मिल कर मुझे पीटना शुरू कर दिया। बिना वजह ही मुझे पर गलत इलजाम लगा दिए।

फिर उन्होंने गोपाल सर को भी बुला लिया। तीनाें ने  मिल कर पीटना शुरू कर दिया। किसी ने पेट में मुक्का मारा तो किसी ने लात मारी। मारपीट करते हुए बार-बार मुझे लैटर लिखने के लिए कह रहे थे। इस दौरान मैंने कई बार उनके पैरों में गिर कर माफी मांगी।  

उसने बताया टीचरों के कहने पर जब लैटर लिखी तो उन्होंने यह कह कर फाड़ दी कि जैसे हम कहते हैं वैसे लिखो। टीचर उसमें यह लिखने के लिए कह रहे थे कि मैं अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ बातचीत कर रहा था। उन्होंने दो बार लैटर फाड़ दी और तीसरी बार लैटर फिर जबर्दस्ती से लिखवा दी।

इतनी देर में राजीव सर ने मेरे पेट में बड़ी जोर से मुक्का मारा तो मेरी आंखों के सामने अंधेरा आने लगा। तीनों मुझे पकड़ कर तेजिंदर मैडम के पास ले गए। वहां पर तेजिंदर मैडम ने तीन चार थप्पड़ मारे। फिर मुझे प्रिंसीपल के ऑफिस लेकर जा रहे थे तो रास्ते में ही मैं बेहोश हो गया। टीचरों ने मेरे चेहरे पर पानी भी फैंका, पर चाहते हुए भी मैं उठ नहीं सका। प्रिंसीपल के ऑफिस में पहुंचने पर राजीव सर व नवीन सर ये कह रहे थे कि इसके पेरेंट्स को बुला लो। इसके बाद जब होश आया तो मैं अस्पताल में था।

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