Edited By Bhupinder Ratta,Updated: 12 Aug, 2019 11:55 AM
राष्ट्रीय रत्न पुरस्कार, राजीव गांधी शिरोमणि पुरस्कार व भारत ज्योति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके पटेल अस्पताल के आर्थोपैडिक एंड ज्वाइंट रिप्लेसमैंट सर्जन डा. अजयदीप सिंह ने बताया कि घुटना बदलवाने के बाद रोगी चौकड़ी मार कर भी बैठ सकता है।
जालंधर(रत्ता): राष्ट्रीय रत्न पुरस्कार, राजीव गांधी शिरोमणि पुरस्कार व भारत ज्योति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके पटेल अस्पताल के आर्थोपैडिक एंड ज्वाइंट रिप्लेसमैंट सर्जन डा. अजयदीप सिंह ने बताया कि घुटना बदलवाने के बाद रोगी चौकड़ी मार कर भी बैठ सकता है।
उन्होंने कहा कि लोगों के दिलों में आम धारणा बनी हुई है कि घुटना बदलवाने के बाद चौकड़ी नहीं मारी जा सकती इसलिए हर रोगी उनसे यही सवाल पूछता है। डा. अजयदीप ने बताया कि उन्होंने पिछले 13 वर्षों में जितने भी रोगियों के घुटने या कूल्हे बदले हैं, वे 6 सप्ताह की बजाय 6 दिन बाद ही बिना वॉकर के चलने शुरू हो गए थे।