Edited By Updated: 28 Jun, 2016 01:18 PM
किडनी रैकेट में फंसे फर्जी डोनर सत्यप्रकाश उर्फ आशु त्रिवेदी उर्फ विक्की को दिल्ली पुलिस जालंधर लेकर आ गई।
जालंधरः किडनी रैकेट में फंसे फर्जी डोनर सत्यप्रकाश उर्फ आशु त्रिवेदी उर्फ विक्की को दिल्ली पुलिस जालंधर लेकर आ गई। पुलिस ने उसकी केस में गिरफ्तारी दिखाते हुए दो दिन के रिमांड पर लिया है। एस.एच.ओ. नवदीप सिंह ने विक्की की सिविल अस्पताल में मैडीकल जांच करवाई।
पूछताछ में विक्की बोला यह उसका असली नाम नहीं, बल्कि फर्जी नाम है। उसका असली नाम सत्यप्रकाश त्रिवेदी है और दोस्त उसे आशुु बुलाते हैं। उसने बताया मैं अंडर मैट्रिक हूं। कानपुर में एक प्राइवेट वित्तीय संस्थान में फील्ड जॉब करता था। वहीं पर रुचि जॉब करती थी। वह ग्रेजुएट है। विक्की बोला उस दिन उसका बुरा वक्त शुरु हुआ जब उसका रुचि से अफेयर शुरु हो गया था।
दोनों ने शादी कर ली। पापा दुनिया में नहीं और वह अपनी मां का इकलौता बेटा है। बीवी का मां के प्रति रवैया सही नहीं था। वह जॉब पर चली जाती तो मां को सारा काम करना पड़ता था। इस बात को लेकर कहासुनी हुई तो बीवी अलग रहने की जिद करने लगी। मां मान गई और पास ही कमरा लेकर रहना शुरू कर दिया, मगर परेशानी वहीं की वहीं। मां उनके घर का काम करती थी।
छोटी-छोटी बात से झगड़ा शुरु हुआ तो बीवी ने उसे जलील करना शुरू कर दिया अौर तीन साल पहले बीवी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा दी। पुलिस ने जांच की तो उसे राहत दी, मगर परेशानी खत्म नहीं हो रही थी। तलाक के लिए बीवी पैसे मांग रही थी। पूरे अढाई लाख। यह दुख उसने संजय को बताया तो उसने जुनैद से मिलवा दिया।
जुनैद की बात सुनकर वह किडनी बेचने के लिए तैयार हो गया। यह उसकी जिंदगी की दूसरी गलती थी। जालंधर उसे नैशनल किडनी अस्पताल में लाया गया। यहां साधना से मुलाकात हुई। जुनैद ने कहा-यह मरीज मोहम्मद असीम के फर्जी भाई हैं। जब उसका ट्रांसप्लांट होना था तो डॉ. राजेश अग्रवाल को देखा था। ट्रांसप्लांट हो गया। मरीज की जान चली गई। वह कानपुर पहुंच गया।
कानपुर में विक्की 15 दिन एक होटल में रहा, ताकि मां को पता न चल सके कि उसने किडनी बेची है। ठीक होने पर जुनैद से बात की तो उसने मरीज की फैमिली से बात कर उसे पैसे दिलवा दिए। बीवी को पैसे दे दिए थे। तलाक का मुआवजा मिलने के बाद कानूनी मोहर लगनी अभी बाकी थी। वह दिल्ली चला आया। यहां पर राजकुमार से मिला तो नए किडनी रैकेट में फंस गया।