Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Mar, 2018 09:33 AM
अवैध माइनिंग को लेकर अब प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह खुद एक्शन में आ गए हैं। पिछले एक साल से बदस्तूर चल रहे अवैध माइनिंग के खेल को लेकर कांग्रेस सरकार की जमकर किरकिरी हो रही थी।
जालंधर(रविंदर शर्मा): अवैध माइनिंग को लेकर अब प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह खुद एक्शन में आ गए हैं। पिछले एक साल से बदस्तूर चल रहे अवैध माइनिंग के खेल को लेकर कांग्रेस सरकार की जमकर किरकिरी हो रही थी। जिस तरह से खुद सी.एम. ने अपने चौपर से लाइव अवैध माइनिंग फिल्लौर व नवांशहर में देखी और उस पर एक्शन लिया, उससे कांग्रेसी खेमे में खासी खलबली मच गई है। अवैध माइनिंग के इस खेल को सरकार आने के बाद खुद कुछ कांग्रेसी नेता ही चला रहे थे और इन नेताओं के इस खेल की रिपोर्ट न केवल मुख्यमंत्री तक पहुंच चुकी है, बल्कि इन नेताओं के सारे रिकार्ड राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक भी पहुंच चुके हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में अवैध माइनिंग के खेल में कई कांग्रेसी नप सकते हैं।
दरअसल पूर्व की अकाली-भाजपा सरकार के राज में जमकर अवैध माइनिंग का खेल शुरू हुआ था और कांग्रेसी नेताओं ने अवैध माइनिंग को लेकर अकाली-भाजपा सरकार पर तीखे हमले बोले थे। कैप्टन अमरेंद्र सिंह समेत पार्टी के तमाम नेताओं ने जनता के साथ वायदा किया था कि सरकार आने पर अवैध माइनिंग के खेल को पूरी तरह से बंद करवा दिया जाएगा। कांग्रेस सरकार से जनता को बेहद उम्मीदें थीं और उन्हें लगता था कि कैप्टन इस मामले को गंभीरता से लेंगे। मगर कैप्टन सरकार आने के बाद भी पिछले एक साल से अवैध माइनिंग का खेल ऐसे ही बदस्तूर चल रहा था। यही नहीं खुद कांग्रेसी नेताओं ने ही रेत खड्डों की नीलामी में बढ़चढ़ कर भाग लिया था और 90 प्रतिशत खड्डों को कांग्रेसी नेताओं को ही नीलाम किया गया था।
कुछ हारे हुए नेता भी जमकर अवैध माइनिंग के खेल से महीनों के लाखों के वारे-न्यारे कर रहे थे। रेत खड्डों की नीलामी में अनियमितताएं पाए जाने के बाद राणा गुरजीत सिंह की कैबिनेट की कुर्सी जा चुकी है। अवैध माइनिंग के खेल से लाखों के वारे-न्यारे करने वाले नेताओं की रिपोर्ट काफी पहले ही सी.एम. व हाईकमान तक पहुंच चुकी थी और सी.एम. खुद कई बार इस मामले में सख्ती के आदेश दे चुके थे, मगर इसके बाद भी यह खेल नहीं थम रहा था। नए परिवेश में जिस तरह से कांग्रेसी नेताओं की लगातार शिकायतें हाईकमान तक पहुंची है, उससे आने वाले दिनों में कई कांग्रेसी नेताओं के राजनीतिक करियर को ग्रहण लगना तय है।
हैरानी की बात यह है कि अभी कुछ दिन पहले ही अवैध माइनिंग के खेल को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के डी.सी. व एस.एस.पी. की मीटिंग बुलाई थी और मीटिंग में साफ तौर पर कहा था कि किसी भी जिले में अवैध माइनिंग हुई तो सीधे तौर पर डी.सी. व एस.एस.पी. जिम्मेदार होंगे। सी.एम. के आदेश के बाद भी अवैध माइनिंग के ख्रेल को प्रशासनिक स्तर पर गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रशासनिक स्तर पर सिर्फ नोडल अधिकारी नियुक्त करने और लोगों से अवैध माइनिंग की सूचना देने की अपील तक की जाती रही। अब सी.एम. के खुद एक्शन में आने से प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही भी खुलकर सामने आ गई है।
कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
अवैध माइनिंग को लेकर जिस तरह से सी.एम. ने एक्शन में आकर कार्रवाई करने को कहा है, उससे आने वाले दिनों में कई अधिकारियों पर भी गाज गिरना तय है। सी.एम. इस बात से बेहद खफा हैं कि बार-बार आदेश देने के बाद भी अवैध माइनिंग को लेकर अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई।