Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 01:16 PM
नकली आयकर अधिकारी बनकर बड़े औद्योगिक घरानों व कारोबारियों को डरा-धमका कर उनसे रिश्वत मांगने वाले गिरोह के मुख्य सरगना को पुलिस ने काबू कर लिया है। गत दिनों इस आरोपी ने अपरा के ज्वैलर्स वरिंदर घई को अपने आप को बड़ा आयकर अधिकारी बताते हुए उनके यहां...
फिल्लौर (भाखड़ी): नकली आयकर अधिकारी बनकर बड़े औद्योगिक घरानों व कारोबारियों को डरा-धमका कर उनसे रिश्वत मांगने वाले गिरोह के मुख्य सरगना को पुलिस ने काबू कर लिया है। गत दिनों इस आरोपी ने अपरा के ज्वैलर्स वरिंदर घई को अपने आप को बड़ा आयकर अधिकारी बताते हुए उनके यहां विभाग का बड़े स्तर पर छापा पडऩे संबंधी फोन कर उनसे 3 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। आरोपी ने उन्हें जालंधर स्थित एक रैस्टोरैंट में पैसे लेकर बुलाया था जहां पैसे लेते समय रैस्टोरैंट का कर्मचारी पकड़ा गया था, क्योंकि आरोपी मौके पर मौजूद नहीं था।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद गिरोह का सरगना संदीप कुंद्रा निवासी एकता कालोनी होशियारपुर अपने एक अन्य साथी के साथ फरार हो गया था जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसके पास से वह फोन सिम और व्यापारियों से रिश्वत मांगने की ज्यादातर रिकाॄडग भी उससे प्राप्त कर ली है। इस कार्य में संदीप कुंद्रा का जालंधर का रहने वाला उच्च राजनीतिक साथी भी शामिल है जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
खुद का था इलैक्ट्रोनिक शोरूम
सी.आई.ए. स्टाफ देहाती के प्रभारी इंस्पैक्टर हरिंदर गिल ने बताया कि गिरोह का सरगना संदीप कुंद्रा शातिर दिमाग का इंसान है। इसका पहले होशियारपुर में इलैक्ट्रोनिक सामान का शोरूम था जिसमें घाटा पडऩे के बाद इसने प्रापर्टी डीलर का काम शुरू कर लिया। इसने बड़े उद्योगपतियों को नकली आयकर अधिकारी बनकर रुपए ऐंठने की योजना बनाई। गलत पहचान पर किसी कंपनी का मोबाइल फोन सिम खरीद कर उन्हें फोन करने लगा।
सोशल मीडिया के माध्यम से ढूंढता था शिकार
पूछताछ में कुंद्रा ने बताया कि वह खाली समय में इंटरनैट पर जाकर नई चीजों संबंधी जानकारी एकत्रित करता था। उसने नैट पर बड़े ज्वैलर्स के शोरूम और उसके अंदर की तस्वीरें देखीं जिनके नीचे उन्होंने अपने फोन नंबर दिए हुए थे। यहीं से उसने अपने शिकार ढूंढने शुरू कर दिए। सोशल मीडिया पर वह बाबू राम सर्राफ अपरा के शोरूम की तस्वीरें देख फोन नंबर हासिल कर नकली आयकर अधिकारी बनकर उन्हें फोन करने लगा। उसने खन्ना, गोबिंदगढ़, लुधियाना व चंडीगढ़ के व्यापारियों के नंबर लेकर उन्हें भी फोन कर डराया-धमकाया।
नैट के माध्यम से ली ट्रेनिंग
संदीप कुंद्रा ने बताया कि उसने नकली अधिकारी बनने से पहले विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम, उनके फोन नंबर, सबसे बड़े अधिकारी का प्रदेश में क्या रैंक है, वह चंडीगढ़ में कहां बैठता है, इसकी पूरी जानकारी उसने इंटरनैट के माध्यम से हासिल की। वह अधिकारी किस प्रकार बातचीत करते हैं, इसके लिए वह अक्सर उन्हें नकली व्यापारी बन फोन कर ट्रेनिंग हासिल कर चुका है। वह कई बार व्यापारी बनकर आयकर विभाग के कार्यालय में चक्कर काट कर उनका रहन-सहन उठना-बैठना देखता था।
इंस्पैक्टर गिल ने बताया कि आरोपी जब भी किसी व्यापारी को धमकाने के लिए फोन करता तो उस वक्त संबंधित आयकर विभाग के कार्यालय के समीप खड़ा होता था ताकि अगर कोई उसकी फोन काल की लोकेशन चैक करे तो उससे व्यापारी व पुलिस को उस पर कोई संदेह न हो सके। संदीप कुंद्रा के मामले में जालंधर आयकर विभाग के किसी भी अधिकारी की कोई शमूलियत नहीं पाई गई, बल्कि यह खुद अपरा के सर्राफ घई को आयकर कार्यालय के पास फोन करता था।