Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 12:33 PM
1 साल पहले सूर्या एन्क्लेव में स्थापित हुए कमिश्नरेट के थाना रामा मंडी की आबादी 2 लाख से भी अधिक होगी जबकि इस आबादी की सुरक्षा के लिए थाने में सिर्फ 60 पुलिस मुलाजिम तैनात हैं, जिनमें थाना प्रभारी इंस्पैक्टर व एक लेडी इंस्पैक्टर के अलावा 10...
जालंधर(महेश खोसला): 1 साल पहले सूर्या एन्क्लेव में स्थापित हुए कमिश्नरेट के थाना रामा मंडी की आबादी 2 लाख से भी अधिक होगी जबकि इस आबादी की सुरक्षा के लिए थाने में सिर्फ 60 पुलिस मुलाजिम तैनात हैं, जिनमें थाना प्रभारी इंस्पैक्टर व एक लेडी इंस्पैक्टर के अलावा 10 ए.एस.आई., 1 लेडी ए.एस.आई., 13 हैड कांस्टेबल, 25 कांस्टेबल, 2 लेडी कांस्टेबल व 7 होमगार्ड के जवान शामिल हैं जबकि साल 2014 में जब कुंवर विजय प्रताप सिंह जालंधर के पुलिस कमिश्नर थे, तब थाने में तैनात पुलिस मुलाजिमों की संख्या 132 से अधिक थी और उस समय थाने की आबादी भी 2 लाख से काफी नीचे थी।
मुलाजिमों की कमी बड़ी समस्या
थाने में मुलाजिमों की काफी कमी है, जिसके कारण वहां ड्यूटी करते मुलाजिमों को काफी समस्या आती है। 60 मुलाजिमों में से ही कुछ मुलाजिम छुट्टी पर चले जाते हैं और बाकी रहते मुलाजिमों में से कोर्ट ड्यूटी, सरकारी कार्यालयों से रिकार्ड लेने जाना, वी.आई.पी. ड्यूटी करना, दिल्ली-लाहौर बस को मुख्य मार्ग से निकालना, खतरनाक अपराधियों से निपटना, क्षेत्र की गश्त, हादसों के समय मौके पर पहुंचना, रूटीन व स्पैशल नाकाबंदी इत्यादि को पूरा करना पड़ता है।
110 सेे अधिक हैं मोहल्ले
थाना रामा मंडी की हद में 110 से अधिक मोहल्ले पड़ते हैं। इसके अलावा पी.ए.पी. व चौगिट्टी फ्लाईओवर जैसे मुख्य मार्ग अलग से हैं। काजी मंडी, मद्रासी मोहल्ला, संतोषी नगर, दोमोरिया पुल, बशीरपुरा, चौगिट्टी जैसे नशा व गुंडागर्दी वाले क्राइम से मशहूर क्षेत्र भी इसी थाने का ही हिस्सा हैं।
12 से 15 घंटे भी कई मुलाजिम दे रहे हैं ड्यूटी
थाना रामा मंडी में कई मुलाजिम ऐसे भी हैं, जिन्हें 12 से 15 घंटे भी ड्यूटी करनी पड़ रही है। और तो और वीकली भी उन्हें नसीब नहीं होती। गजेटिड छुट्टी वाले दिन भी उन्हें अपने घर पर परिवार के साथ होने की बजाय डबल ड्यूटी करने के लिए मजबूर होना पड़ता है जबकि वेतन वही है जो 8 घंटे ड्यूटी करने वाले पुलिस मुलाजिम को मिलता है। 9 से 5 बजे तक ड्यूटी करने वाले मुलाजिम थाने में लगने को तैयार नहीं पुलिस लाइन तथा कमिश्नरेट पुलिस के अलग-अलग कार्यालयों में सुबह 9 से लेकर शाम 5 बजे तक ड्यूटी करने की अपनी आदत बना चुके पुलिस मुलाजिम थानों में लगने को तैयार नहीं हैं। उक्त ड्यूटी के अलावा उन्हें दोपहर के समय एक घंटे की रैस्ट ब्रेक भी मिलती है। सभी छुट्टियां भी उन्हें नसीब होती हैं। उन्हें पता है कि ऐसी शाही ड्यूटी उन्हें थाने में मिलने वाली नहीं है।
2010 में हुई थी कमिश्नरेट की स्थापना
जालंधर जिले में पुलिस कमिश्नरेट की स्थापना साल 2010 में हुई थी। उससे पहले पूरे जालंधर जिले को 2 पुलिस जिलों में तबदील किया गया था-एक शहरी व दूसरा देहाती पुलिस जिला। कमिश्नरेट की स्थापना होने के बाद थानों का सिस्टम भी बदल दिया गया था।
नंगल शामां चौकी में 13 मुलाजिम तैनात
थाना रामा मंडी के अधीन पड़ती पुलिस चौकी नंगल शामां के क्षेत्र की आबादी 1 लाख के करीब होगी। शालीमार गार्डन से लेकर बङ्क्षडग़, दीप नगर, धन्नोवाली व परागपुर तक का एरिया इस पुलिस चौकी में पड़ता है। चौकी में कुल 1& पुलिस मुलाजिम तैनात हैं, जिनमें चौकी प्रभारी 1 एस.आई., 3 ए.एस.आई., 4 हैड कंस्टेबल, 3 कांस्टेबल, 1 होमगार्ड, 1 लेडी कांस्टेबल हैं।
कम से कम 50 मुलाजिम और होने चाहिएं
थाना रामा मंडी में तैनात पुलिस मुलाजिमों का कहना है कि उनकी समस्या तब ही हल हो सकती है, अगर थाने में कम से कम 50 मुलाजिमों की नियुक्ति और की जाती है। पता चला है कि थाने द्वारा ऐसी मांग भी अपने अधिकारियों के पास काफी देर से की जा रही है लेकिन अभी तक पूरी नहीं हुई है।