Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 01:00 PM
शहरों के पार्कों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। कुछेक ही ऐसे पार्क हैं, जिसे सोसायटियों ने खुद के स्तर पर संभाल कर रखा हुआ है। अन्य सभी पार्क सरकार की अनदेखी के कारण बुरी हालत में हैं।
जालंधर(राज): शहरों के पार्कों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। कुछेक ही ऐसे पार्क हैं, जिसे सोसायटियों ने खुद के स्तर पर संभाल कर रखा हुआ है। अन्य सभी पार्क सरकार की अनदेखी के कारण बुरी हालत में हैं। ऐसा ही एक पार्क बेअंत सिंह पार्क है, जिसकी दुर्दशा आज खुद पर रो रही है। कभी शहर के सबसे बड़े पार्कों में गिना जाने वाला बेअंत सिंह पार्क के ए और बी पार्क को बनाने के लिए 1990 में तत्कालीन विधायक अश्विनी सेखड़ी ने इस पार्क का नींव पत्थर रखा था।
2 वर्षों में बनकर तैयार हुए इस पार्क में हरी घास, म्यूजिकल फाऊंटेन, हरे-भरे वृक्ष और इस पार्क के ए और बी 2 भाग होने के कारण, इन 2 भागों के पार्क में खुशबूदार फूलों से यह पार्क कभी शहर की शान होने का दावा पेश करने वाला यह पार्क 2 दशक बीत जाने पर भी राज्य सरकारों से उदासीन रवैया की भेंट चढ़ा अपने विकास को तरस रहा है। पिछले 20 सालों में कभी मौजूदा कांग्रेस सरकार तो कभी अकाली-भाजपा की सरकारें आईं। मगर इस पार्क के विकास के लिए किसी भी सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।
पंजाब के लिए शहीद हुए बेअंत सिंह की शहादत की याद में बने पार्क की बदहाली के लिए पंजाब सरकार से अपने विकास की गुहार लगा रहा है। पंजाब सरकार के (पी.एस.ई.डी.) पंजाब स्टेट इंडस्ट्रीयल डिपार्टमैंट के अधीन आते यह ए और बी पार्कों में कभी सैर करने वाले इलाका वासियों के अलावा अमृतसर हाईवे होने के कारण यहां से गुजरने वाले सैंकड़ों वाहनों को आकर्षण का केंद्र रहने वाला यह पार्क अपनी दोबारा उसी खूबसूरती के इंतजार में है।