शहर के अधिकांश क्षेत्रों में सप्लाई हो रहा है दूषित पेयजल

Edited By swetha,Updated: 25 Jun, 2018 11:09 AM

most areas of the city are being supplied to the contaminated drinking water

होशियारपुर नगर के अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल की सप्लाई नगर निगम द्वारा स्थापित 85 ट्यूबवैलों से की जाती है। पेयजल के सैम्पल लेने का कार्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देशानुसार कुछ वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया था जिसके चलते दूषित पेयजल की...

होशियारपुर (अश्विनी): होशियारपुर नगर के अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल की सप्लाई नगर निगम द्वारा स्थापित 85 ट्यूबवैलों से की जाती है। पेयजल के सैम्पल लेने का कार्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देशानुसार कुछ वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया था जिसके चलते दूषित पेयजल की आपूर्ति की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।

नगर निगम के पास केवल 6 ट्यूबवैल ऑप्रेटर ही स्थायी 
नगर निगम में 85 ट्यूबवैलों की संभाल के लिए स्थायी ट्यूबवैल ऑप्रेटरों की संख्या मात्र 6 ही है। लगभग 100 ट्यूबवैल ऑप्रेटर प्राइवेट ठेकेदारों ने रखे हुए हैं।

एक भी टंकी उपयोग में नहीं लाई जा रही
नगर में काफी साल पहले लाखों रुपए की लागत से 8 टंकियां ग्रीन व्यू पार्क, कमेटी बाजार, रेलवे मंडी, मॉडल टाऊन, टैगोर नगर व नई आबादी आदि क्षेत्रों में बनवाई गई थीं। ये सभी टंकियां अब सफेद हाथी बन कर रह गई हैं।

वाटर कूलरों के पानी के भी नहीं भरे जाते सैम्पल
नगर में बाजारों में वाटर कूलरों द्वारा जो पेयजल कुछ प्राइवेट लोगों द्वारा बेचा जा रहा है, उसका सैम्पल भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नहीं भरा जाता।

क्या कहते हैं जिला स्वास्थ्य अधिकारी
इस संबंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. सेवा सिंह ने माना कि नगर में जो पानी दुकानदारों को बेचा जा रहा है, वह फूड सेफ्टी एक्ट के अधीन आता है। उन्होंने कहा कि अभी तक विभाग ने बाजारों में बेचे जा रहे पेयजल का एक भी सैम्पल नहीं भरा।

आधे से ज्यादा ट्यूबवैलों पर नहीं है क्लोरीनेटर
नगर के 85 ट्यूबवैलों में से आधे से ज्यादा ट्बूयवैलों पर क्लोरीनेटर नहीं लगे हैं। क्लोरीनेटरों के अभाव में जिन ट्यूबवैलों से नगर के विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति होती है, वहां प्रदूषित पानी की सप्लाई का खतरा ज्यादा बना रहता है।

मेयर का दावा: दूषित पानी सप्लाई होने की गुंजाइश नहीं
इस संबंध में नगर निगम के मेयर शिव सूद ने कहा कि निगम द्वारा सभी 85 ट्यूबवैलों में क्लोरीन डालने की व्यवस्था की गई है। आधे ट्यूबवैलों में मशीनों द्वारा ही क्लोरीन मिक्स की जाती है। आधे ट्यूबवैलों में क्लोरीन ऑप्रेटरों द्वारा डाली जाती है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर ट्यूबवैलों की चैकिंग की जाती है। सभी ऑप्रेटर स्वयं ही ड्यूटी देते हैं। दूषित पेयजल सप्लाई होने की कोई गुंजाइश नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि आर.टी.आई. रिपोर्ट के अनुसार पिछले कई वर्षों से निगम ने पेयजल के सैम्पल नहीं भरे तो उनका जवाब था पिछले कुछ दिनों में सैम्पल लिए गए हैं।

क्या कहना है एन.जी.ओ. का
इस संबंध में स्वास्थ्य अभियान के प्रधान एन.जी.ओ. जय गोपाल धीमान का कहना है कि नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के मामले में गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीन व्यू पार्क, चिल्ड्रन पार्क, सुतैहरी रोड, शहीद धन्ना सिंह वार्ड, शहीद ऊधम सिंह पार्क, गुरु तेग बहादुर पार्क, मॉडल टाऊन में लगे ट्यूबवैलों में क्लोरीनेटर नहीं लगाए गए।

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