आखिर कब तक होती रहेगी फलों के राजा किन्नू की बेकद्री

Edited By swetha,Updated: 21 Jan, 2019 02:28 PM

kinnu fruit

पंजाब के कंडी क्षेत्र में पड़ते होशियारपुर के नींबू प्रजाति के फलों के राजा किन्नू के साथ माल्टा के कद्रदान देश में ही नहीं बल्कि सात समुंदर पार के देशों में भी हंै लेकिन पिछले काफी सालों से सरकार की अनदेखी की वजह से यहां के किन्नू उत्पादक बागबान...

होशियारपुर(अमरेन्द्र): पंजाब के कंडी क्षेत्र में पड़ते होशियारपुर के नींबू प्रजाति के फलों के राजा किन्नू के साथ माल्टा के कद्रदान देश में ही नहीं बल्कि सात समुंदर पार के देशों में भी हंै लेकिन पिछले काफी सालों से सरकार की अनदेखी की वजह से यहां के किन्नू उत्पादक बागबान अपनी फसलों को उजाडऩे शुरु कर दिए थे। पंजाब के अबोहर-फाजिल्का के साथ-साथ होशियारपुर के किन्नू की सबसे अधिक मांग पड़ोसी देश बंगलादेश में है लेकिन इंपोर्ट ड्यूटी 70 फीसदी होने की वजह से बंगलादेश हिंदुस्तान की बजाए सस्ते दर पर पाकिस्तानी किन्नू को तरजीह देने की वजह से यहां के फल उत्पादकों को वाजिब मूल्य तक नहीं मिल रहे। ऐसे में राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा, केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु से मिल होशियारपुर सहित पंजाब के किन्नू को बंगलादेश व भारत सरकार के मध्य बातचीत के जरिए भारी भरकम इंपोर्ट ड्यूटी से राहत दिलाने की मांग रखी है।

पिछले सीजन में बागबानों को हुआ था घाटा
गौरतलब है कि पिछले सीजन में मौसम की मार की वजह से किन्नू व माल्टा उत्पादक बागबानों को बाजार में लागत मूल्य तो दूर की बात बल्कि औने-पौने दाम पर बाजार में बेचने को मजबूर होना पड़ा था। यहां तक कि मौसम की मार की वजह से होशियारपुर में किन्नू के बागबान पूरे सीजन ठेकेदारों का इंतजार ही करते रहे। मंडीकरण नहीं होने व रखरखाव की समस्या से जूझते बागबानों ने किन्नू की खेती करने से कन्नी काटने लगे। 

बगानों में लहलहा रही है किन्नू व माल्टा
इस साल मौसम अनुकूल होने व समय पर बारिश होने की वजह से इस समय होशियारपुर जिले के बगानों में किन्नू व माल्टा पेड़ों पर लदे पड़े हैं। होशियारपुर के साथ लगते कंडी क्षेत्र में किन्नू की फसल सर्वाधिक होने के कारण यहां आगरा व दिल्ली के ठेकेदार अक्तूबर, नवम्बर व दिसम्बर में आकर बागों को ठेके पर ले लेते हैं। यह ठेका एक मुश्त या किलो के हिसाब से हुआ करता है।

किन्नू को बढ़ावा देने की क्या है सरकार की योजना
पंजाब सरकार का मानना है कि पंजाब से पिछले सीजन में रुस, युक्रेन व मध्य पूर्वी एशियाई देशों में महज 5000 मीट्रिक टन किन्नू का ही निर्यात हुआ जबकि होशियारपुर के साथ-साथ अबोहर व फाजिल्का से 20000 मीट्रिक टन किन्नू निर्यात होने की संभावना है। सरकार ने पंजाब में कोल्ड चेन का बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है ताकि घरेलू व अंतराष्ट्रीय बाजार में लंबी दूरी तक किन्नू के मंडीकरण को यकीनी बनाया जा सके। किन्नू की वैकिं्सग करने के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर की वैक्स आयात की जाएगी।

बंगलादेश व पाकिस्तान से बात कर केन्द्र किसानों को दिलाए राहत: अरोड़ा
सम्पर्क करने पर राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने बताया कि हाल ही में ट्रैड डिवैल्पमैंट मीट के दौरान मंैने केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु से मिल पंजाब के किन्नू उत्पादक बागबानों को राहत दिलाने के लिए बंगलादेश के साथ-साथ पाकिस्तान सरकार से भी बात कर समस्या का हल करवाने की बात की है। यदि बंगलादेश पंजाब के फ्रैश फ्रूट पर इंपोर्ट ड्यूटी जो इस समय 70 फीसदी है में राहत दे तो पंजाब के किन्नू व माल्टा उत्पादक किसानों को इसका बहुत लाभ मिलेगा। इसी तरह पंजाब में इस समय 81114 हैक्टेयर में करीब 2.1 मिलियन टन बढिय़ां किस्म का आलू निकलता है लेकिन बाघा बॉर्डर के रास्ते अफगानिस्तान, तुर्केमिनिस्तान, उज्बेकिस्तान, काजिकिस्तान देशों में हम आलू सड़क मार्ग से नहीं पहुंचा पाते हैं। यदि पाकिस्तान सरकार सड़क मार्ग की सुविधा बहालकर दें तो पंजाब के आलू उत्पादक किसानों को बहुत लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने आश्वासन दिया है कि वह इस समस्या का निदान कराने के लिए दोनों ही देशों के समक्ष भारत सरकार की तरफ से प्रस्ताव रखेंगे।

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