अयोग्य घोषित ग्यारह दलबदलू पूर्व विधायक वर्षों से ले रहे पेंशन

Edited By Isha,Updated: 18 Aug, 2021 09:49 AM

disqualified eleven defected ex mla taking pension for years

हरियाणा में पिछले समय के दौरान दलबदल करने वाले ग्यारह पूर्व विधायक वर्षों से पूर्व विधायक होने के नाते पेंशन व अन्य सुविधाएं ले रहे हैं। इनमें से छह पूर्व विधायकों को 15 वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिसंबर 2006 में अयोग्य घोषित कर चुकी है। स्पीकर...

चंडीगढ़( चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा में पिछले समय के दौरान दलबदल करने वाले ग्यारह पूर्व विधायक वर्षों से पूर्व विधायक होने के नाते पेंशन व अन्य सुविधाएं ले रहे हैं। इनमें से छह पूर्व विधायकों को 15 वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिसंबर 2006 में अयोग्य घोषित कर चुकी है। स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित पांच अन्य दलबदलू पूर्व विधायकों के विरुद्ध सुनवाई पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वर्ष 2014 से लंबित है।
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने हरियाणा विधान सभा सचिवालय से आरटीआई में मिली जानकारी से यह खुलासा करते हुए इन सभी दलबदलू ग्यारह पूर्व विधायकों की पेंशन को जनता के पैसे की लूट बताते हुए इसे तत्काल बंद करने व इनके द्वारा ली गई समस्त पेंशन,भत्ते,वेतन राशि की ब्याज सहित वसूली की मांग की है ।

कपूर ने बताया कि छह पूर्व विधायक जगजीत सांगवान, कर्ण सिंह दलाल, राजेन्द्र सिंह बीसला, देव राज दीवान, भीम सेन मेहता व जय प्रकाश गुप्ता जो कि  नौ मार्च 2000 से 25 जून 2004 तक विधायक रहे। इन सभी छह विधायकों को तत्कालीन स्पीकर सतबीर कादियान ने 25 जून 2004 के अपने आदेश द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 11 दिसंबर 2006 के निर्णय के तहत इन विधायकों की अपील को डिसमिस कर स्पीकर के फैसले को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित हुए 15 वर्ष बीत गए लेकिन ये दलबदलू पूर्व विधायक पेंशन व सुविधाएं बेरोकटोक ले रहे हैं।

कपूर ने बताया कि वर्ष 2009 में हरियाणा जनहित पार्टी की टिकट पर चुनाव जीत कर कांग्रेस में शामिल हुए दलबदलू पांच पूर्व विधायक भी पेंशन सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। इनमें धर्म सिंह छोकर, राव नरेंद्र सिंह, जिले राम शर्मा, सतपाल सांगवान व विनोद भ्याना शामिल हैं। तत्कालीन विधान सभा स्पीकर कुलदीप शर्मा द्वारा इन पांचों विधायकों को अयोग्य घोषित किये जाने के बाद अयोग्य घोषित इन विधायकों की अपील वर्ष 2014 से हाईकोर्ट में लंबित है। इन विधायकों के खिलाफ तत्कालीन हरियाणा जनहित कांग्रेस सुप्रीमों कुलदीप बिश्नोई की याचिका भी हाई कोर्ट में विचाराधीन है । दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित ये सभी ग्यारह दलबदलू पूर्व विधायक वर्षों से 51 हजार 800 मासिक पेंशन व 10 हज़ार रुपये यात्रा भत्ता प्रति माह ले रहे हैं। जबकि विधायक रहते हुए पांच वर्ष तक हर महीने वेतन, ऑफिस खर्च, टेलिफोन बिल, सत्कार भत्ता व अन्य भत्ते व अन्य सुविधाओं का लाभ भी उठाते रहे।

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