Edited By swetha,Updated: 11 Sep, 2018 04:18 PM
अभी चल रहे मौसम में वायरल इन्फैक्शन के प्रभावाधीन लोगों को कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इस वायरल इन्फैक्शन में यदि मामूली-सी भी लापरवाही हो जाए तो निश्चित रूप मे मरीज को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
गुरदासपुर(विनोद): अभी चल रहे मौसम में वायरल इन्फैक्शन के प्रभावाधीन लोगों को कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इस वायरल इन्फैक्शन में यदि मामूली-सी भी लापरवाही हो जाए तो निश्चित रूप मे मरीज को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
इस समय सरकारी तथा प्राइवेट अस्पतालों में वायरल इन्फैक्शन से पीड़ित मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। यदि समय रहते इसका इलाज योग्य डाक्टर से करवा लिया जाए तो इनडोर इलाज से व्यक्ति ठीक हो सकता है, जबकि देरी करने पर मरीज को अस्पताल में दाखिल होकर इलाज करवाना पड़ता है। डाक्टरों के अनुसार इस वायरल इन्फैक्शन का शिकार कोई भी किसी भी समय हो सकता है, परंतु यदि सतर्कता बरतें तो निश्चित रूप से इससे बचा जा सकता है।
वायरल इन्फैक्शन के लक्षण
वायरल इन्फैक्शन हवा में ऐसे कीटाणु उपस्थित होते हैं तो मानव के शरीर मे कई तरह की बीमारियां पैदा करते हैं। इस वायरल का सबसे अधिक प्रभाव पेट में आंतों पर पड़ता है, जिसके कारण पेट मे दर्द, दस्त, उल्टियां, बुखार, चिकन पॉक्स जैसी परेशानियों का मरीज को सामना करना पड़ता है। इससे मरीज बहुत ही कमजोरी महसूस करता है। मरीज के कई बार प्लेटलैट्स भी कम हो जाते हैं, जबकि प्लेटलैट्स कम होने के कारण मरीज को भयभीत नहीं होना चाहिए। इस वायरल इन्फैक्शन के कारण मरीज को कई बार लगता है कि उसे डेंगू बीमारी हो गई है, परंतु जरूरी नहीं है कि वह डेंगी बीमारी से पीड़ित हो।
कैसे होता है वायरल इन्फैक्शन
खराब मौसम में ऐसे कीटाणु फैल जाते हैं जो मानव के शरीर में प्रवेश कर कई तरह की बीमारियों को जन्म देते हैं। इसी तरह गंदा पानी पीने से भी वायरल इन्फैक्शन हो सकता है। अधिक पके हुए फल खाने से भी कई तरह की बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार दूध के घटिया क्वालिटी के उत्पादों सहित बिना ढके फल व मिठाइयां खाने से भी वायरल इन्फैक्शन हो सकता है।