पठानकोट पर झुका पाक,प्राथमिकी दर्ज लेकिन मसूद अजहर का नाम नहीं

Edited By Updated: 20 Feb, 2016 12:21 PM

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पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला मामले में पाकिस्तान की सरकार ने एक एफआईआर दर्ज करवाई है।

इस्लामाबाद: पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला मामले में पाकिस्तान की सरकार ने एक एफआईआर दर्ज करवाई है। हालांकि, इसमें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का नाम नहीं है। भारतीय जांच एजेंसियों ने अजहर को ही पठानकोट मामले का मास्टर माइंड करार दिया है।

हमले के कारण भारत-पाकिस्तान विदेश सचिव स्तरीय वार्ता जो कि 15  जनवरी को होनी थी स्थगित कर दी गई थी। यह प्राथमिकी पंजाब प्रांत के गुजरांवाला में प्रति आतंकवाद विभाग (काउंटर टेरॅरिज्म डिपार्टमेंट) में दर्ज कराई गई है।

काऊंटर टैररिज्म डिपार्टमैंट(सीटीडी) के एक अधिकारी के मुताबिक, प्राथमिकी इसलिए जरूरी थी ताकि हमले के सिलसिले में एकत्र किए गए साक्ष्य के आधार पर पुलिस और न्यायिक कार्रवाई शुरू हो सके। हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकवादी समूह पर आरोप लगाया था।

भारत ने मौलाना मसूद अजहर पर हमले का मुख्य षड्यंत्रकारी होने का, उसके भाई रऊफ और पांच अन्य पर हमले को अंजाम देने का आरोप लगाया है। इस हमले के सभी छह आतंकवादी मारे गए।

हमले में 7 भारतीय सैनिक भी शहीद हो गए थे। प्राथमिकी संख्या 06/2016 पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302, 324 और 109 एवं आतंकवादी-विरोधी कानून की धारा सात और 21/1 के तहत दर्ज की गई है।

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा मुहैया कराई गई सूचनाओं के आधार पर दर्ज की गई  रिपोर्ट में किसी का भी नाम नहीं है। डोभाल ने कहा था कि चार आतंकवादियों ने संभवत: पाकिस्तान से भारत में प्रवेश किया और दो जनवरी को वायुसेना स्टेशन पर हमला किया।

जनवरी में पाकिस्तान और भारत के विदेश सचिवों की इस्लामाबाद में होने वाली तय बैठक को हमले के कारण स्थगित करना पड़ा था। बातचीत के लिए कोई नई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। प्राथमिकी में उन टैलीफोन नंबरों का भी जिक्र है जिन पर हमले के दौरान आतंकवदियों ने संपर्क किया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद, औपचारिक रूप से मुदकमा शुरू करने के लिए किसी भी आरोपी को अदालत के समक्ष पेश किया जा सकता है। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, हमले के बाद पाकिस्तान में करीब एक दर्जन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था।

बताया जाता है कि यह प्राथमिकी हमले की जांच कर  विशेष टीम की सिफारिशों के आधार पर दर्ज की गई है। पिछले महीने गुजरांवाला की सीटीडी पुलिस ने जिहादी साहित्य रखने के कारण जेईएम के तीन आतंकवादियों को आतंकवाद-निरोधक अदालत (एटीसी) के समक्ष पेश किया था। मुंदेयकी में जेईएम द्वारा संचालित एक मदरसे से सीटीडी ने संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। वर्ष 2008 में किए गए मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी गुट जमात-उद-दावा का मुख्यालय मुंदेयकी में ही है। हमले के पीछे जेईएम का हाथ के होने के भारत के दावे की जांच के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पंजाब के सीटीडी के अतिरिक्त महानिरीक्षक राय ताहिर के नेतृत्व में छह सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था।

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