Edited By Vatika,Updated: 10 Dec, 2018 01:48 PM
कानून को ठेंगा दिखाते हुए बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार युवकों द्वारा बुलेट के पटाखे बजाना आम बात हो गई है और इस ‘पटाखा कल्चर’ ने जहां हाशिए की ओर जा रही पंजाब की जवानी की एक अलग तस्वीर जमाने के सामने पेश की है
जलालाबाद(मिक्की): कानून को ठेंगा दिखाते हुए बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार युवकों द्वारा बुलेट के पटाखे बजाना आम बात हो गई है और इस ‘पटाखा कल्चर’ ने जहां हाशिए की ओर जा रही पंजाब की जवानी की एक अलग तस्वीर जमाने के सामने पेश की है, वहीं कालेज/स्कूल आने-जाने वाली लड़कियों व बाजार आदि जाती महिलाओं के पास आ कर पटाखे बजाने के बढ़ रहे मामलों ने आज की युवा पीढ़ी की बुरी सोच का सबूत भी दिया है और इस कारण लड़कियों/महिलाओं का घरों से बाहर निकलना काफी मुश्किल हो चुका है।
स्पैशल तौर पर लगवाए जाते हैं साइलैंसर
बुलेट मोटसाइकिल पर पटाखे बजाने हेतु कंपनी द्वारा लगाया गया आम साइलैंसर उतरवा कर बाजार में से स्पैशल साइलैंसर लगवाया जाता है। इससे बुलेट मोटरसाइकिल की आवाज तेज होती है और रेस कम-ज्यादा करके पटाखे बजाए जाते हैं व एस तरह के साइलैंसर बाजार में आम ही मिल जाते हैं।