Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jan, 2018 11:32 AM
स्थानीय फरीदकोट सड़क पर बन रहे रेलवे पुल की आड़ में पेड़ों की हुई कटाई के संबंध में आज वन विभाग के रेंज अफसर तेजिंद्र सिंह के नेतृत्व वाली टीम जिसमें ब्लाक अफसर निर्मल सिंह और वन गार्ड अफसर रणधीर सिंह भी शामिल थे द्वारा मौके पर पहुंच कर जांच आरंभ की...
कोटकपूरा (नरिन्द्र, भाविप): स्थानीय फरीदकोट सड़क पर बन रहे रेलवे पुल की आड़ में पेड़ों की हुई कटाई के संबंध में आज वन विभाग के रेंज अफसर तेजिंद्र सिंह के नेतृत्व वाली टीम जिसमें ब्लाक अफसर निर्मल सिंह और वन गार्ड अफसर रणधीर सिंह भी शामिल थे द्वारा मौके पर पहुंच कर जांच आरंभ की गई।
उल्लेखनीय है कि समाजसेवी नरिन्द्र राठौर ने वन विभाग के उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी थी जिसमें कहा गया था कि रेलवे पुल में बाधा बनने वाले पेड़ों की कटाई से पहले ग्रीन ट्रिब्यूनल से अनुमति लेना जरूरी था परंतु विभाग के अधिकारियों की कथित मिलीभगत के कारण ऐसे पेड़ भी काट दिए गए जो न तो रेलवे पुल में बाधा बन रहे थे और न ही उनका इस निर्माण से कोई सरोकार था।
इस अवसर पर शिकायतकत्र्ता नरिन्द्र राठौर ने बताया कि एक तरफ ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रणाली द्वारा वातावरण को हरा-भरा बनाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए योग्य कोशिशें की जा रही हैं और दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारी नाजायज पेड़ों की कटाई करके अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं। इस संबंधी जिला वन विभाग के रेंज अफसर तेजिंद्र सिंह ने कहा कि विभाग के पास रेलवे पुल के निर्माण के समय कुल 466 पेड़ों को काटने की मंजूरी थी। उन्होंने कहा कि काटे गए पेड़ों के संबंध में जांच का काम चल रहा है और अगर पेड़ नाजायज काटे गए पाए जाते हैं, तो ऐसा करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध हर हालत में बनती कार्रवाई की जाएगी।